अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध होने पर होगी 5 अरब लोगों की मौत- रिपोर्ट
आधुनिक दौर में परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है। वर्तमान में दो सबसे बड़ी परमाणु शक्ति अमेरिका और रूस के बीच खूब तनातनी चल रही है। दोनों देश एक-दूसरे को अपनी सैन्य क्षमता दिखा रहे हैं। इस बीच रटगर्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की ओर से परमाणु युद्ध की संभावनाओं पर किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि अमेरिका और रूस के बीच पूरी क्षमता का परमाणु युद्ध होने पर पांच अरब लोगों की मौत हो सकती है।
अमेरिका-रूस के परमाणु यद्ध से खत्म हो सकती है आधी मानव सभ्यता
वैज्ञानिकों ने परमाणु युद्ध के छह संभावित हालातों पर अध्ययन किया है। जर्नल नेचर फूड नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, रूस और अमेरिका के बीच अगर बड़े पैमाने पर परमाणु युद्ध होता है तो वह सबसे घातक होगा। इसमें पांच बिलियन (पांच अरब) लोगों की मौत हो सकती है। यानी यह युद्द आधी मानव सभ्यता को खत्म कर सकता है। यह आंकलन परमाणु विस्फोट से पर्यावरण में उठने वाले गुबार के आधार पर किया है।
परमाणु युद्ध के बाद किस तरह से होंगी मौतें?
अध्ययन के अनुसार, परमाणु युद्ध के बाद होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण फैलने वाली वैश्विक भुखमरी होगी। परमाणु युद्द के कारण आसमान में सूरज की रोशनी ढंक जाएगी और इसका असर सीधे तौर पर फसलों पर पड़ेगा। ऐसे में परमाणु बम के धमाकों के सीधे असर से जितने लोग नहीं मरेगें, उससे कहीं अधिक इसके पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव से मर जाएंगे। परमाणु युद्ध के परिणाम सालों तक इस धरती पर दिखाई देंगे।
वैज्ञानिकों ने किस आधार पर लगाया है अनुमान?
वैज्ञानिकों ने परमाणु युद्ध से होने वाली मौतों और प्रभावों का आंकलन नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के एक क्लाइमेट फोरकास्टिंग टूल का प्रयोग कर किया है। यह टूल वैज्ञानिकों को हर देश में होने वाली बड़ी फसलों की पैदावार का अनुमान लगाने में मदद करता है। वैज्ञानिकों के अनुमान की माने तो एक छोटा सा परमाणु युद्ध भी वैश्विक खाद्य उत्पादन पर बहुत बुरा असर डालेगा और यह भुखमरी से लोगों की मौत का बड़ा कारण बनेगा।
भारत-पाकिस्तान परमाणु युद्ध का क्या होगा असर?
अध्ययन के अनुसार, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच स्थानीय स्तर पर परमाणु युद्ध होता है तो अगले पांच सालों में फसलों का उत्पादन सात प्रतिशत तक घट जाएगा। इसी तरह अमेरिका-रूस के बीच युद्ध के असर से अगले तीन से चार सालों में कृषि उत्पादन 90 प्रतिशत तक घट जाएगा। ऐसे में परमाणु युद्ध हर मायने में मानव सभ्यता के खात्मे के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इसको देखते हुए देशों को इससे बचना चाहिए।
वैज्ञानिकों ने भूखमरी से बचने के उपाय ढूंढने का भी प्रयास किया
वैज्ञानिकों ने विचार किया कि अगर फिलहाल जानवरों को खिलाए जाने वाली फसल का प्रयोग किया जाए या फिर खाने की बर्बादी रोकी जाए तो क्या युद्ध के बाद की त्रासदी को कम किया जा सकता है? हालांकि, इसके परिणामों में सामने आया कि बड़े स्तर के परमाणु युद्ध में यह बचत बेहद कम पड़ेगी। रटगर्स यूनिवर्सिटी में पर्यावरण विज्ञान विभाग में जलवायु विज्ञान के प्रोफेसर एलन रोबॉक ने कहा, "हमें परमाणु युद्ध को कभी नहीं होने देना चाहिए।"
अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ने के बाद किया अध्ययन
रूस के यूक्रेन के पर हमला करने के बाद से अमेरिका और उसके बीच तनाव बढ़ गया है। रूस की यूक्रेन को लेकर उग्रता बढ़ती जा रही है और अमेरिका इसके खिलाफ रूस को सावधान कर रहा है। इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अप्रैल में परमाणु युद्ध छिड़ने का गंभीर खतरा होने की चेतावनी दी थी। उसके बाद से ही वैज्ञानिकों ने परमाणु युद्ध से होने वाले परिमाणों को लेकर अध्ययन करना शुरू कर दिया था।