चीन ने भारतीय छात्रों को 2 साल बाद दी पढ़ाई के लिए वापस लौटने की इजाजत
क्या है खबर?
कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद चीन से भारत लौटे मेडिकल और इंजीनियरिंग वाले भारतीय छात्रों के लिए राहत की खबर है।
चीनी सरकार ने सरकार के प्रयासों से भारतीय छात्रों को पढ़ाई के लिए वापस लौटने की सशर्त इजाजत दे दी है।
इसके साथ ही भारतीय छात्रों का पढ़ाई के लिए फिर से चीन लौटने का रास्ता खुल गया है।
बता दें कि 22 मार्च को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ इस मुद्दे को उठाया था।
प्रक्रिया
क्या रहेगी भारतीय छात्रों की चीन लौटने की प्रक्रिया?
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारतीय दूतावास की ओर से ऐसे छात्रों की सूची बनानी होगी, जिनका पढ़ाई के लिए चीन लौटना आवश्यक है। उसके बाद उस सूची को चीनी विदेश मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारतीय दूतावास से मिलने वाली सूची को संबंधित चीनी विभागों और यूनिवर्सिटी से परामर्श कर सत्यापित किया जाएगा। इसके बाद ही उन छात्रों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
अपील
भारतीय दूतावास ने छात्रों से की 8 मई तक फॉर्म भरने की अपील
भारतीय दूतावास ने कहा, "25 मार्च को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर की बैठक के बाद चीनी पक्ष ने भारतीय छात्रों की वापसी की सुविधा पर विचार करने की इच्छा व्यक्त की है और छात्रों से 8 मई तक फॉर्म भरकर जानकारी देने की अपील की है।"
दूतावास ने कहा, "छात्रों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सूची तैयार कर चीनी विदेश मंत्रालय को भेजी जाएगी। उसके बाद छात्रों का चयन किया जाएगा।"
शर्त
भारतीय छात्रों को चीन में करना होगा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन
चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि पात्र छात्रों को बिना शर्त कोविड-19 रोकथाम उपायों का पालन करना होगा और कोविड-19 की रोकथाम के उपायों से संबंधित सभी खर्चो को स्वयं वहन करने के लिए सहमत होना होगा। ऐसे में चीन लौटने वाले छात्रों को फॉर्म में इस संबंध में अपनी सहमति देनी होगी।
बता दें कि चीन के इस फैसले से दो साल से पढ़ाई छोड़कर फंसे भारतीय छात्रों में खुशी की लहर है।
पृष्ठभूमि
क्या है भारतीय छात्रों को प्रवेश न देने का मामला?
कोरोना वायरस महामारी के कारण चीन में पढ़ रहे 23,000 भारतीय छात्रों को वापस लौटना पड़ा था। अब चूंकि हालात बेहतर हुए हैं और कई कॉलेजों में कक्षाएं लगनी शुरू हो गई है, लेकिन चीन भारतीय छात्रों को प्रवेश नहीं दे रहा था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पिछले महीने कहा था कि इसे देखते हुए भारत ने चीन से अनुकूल रूख अपनाने को कहा था ताकि इन छात्रों का करियर प्रभावित न हो।
अनदेखी
आश्वासन के बाद भी चीन ने नहीं उठाए थे कदम
17 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बागची ने कहा था कि चीनी विदेश मंत्रालय ने 8 फरवरी कहा था कि चीन इस मामले को देखेगा और विदेशी छात्रों को प्रवेश देने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन भारतीय छात्रों की वापसी को लेकर कुछ भी साफ प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी।
उन्होंने कहा था वो चीन से इस मामले में अनुकूल रूख अपनाने की मांग करते हैं ताकि छात्र जल्द से जल्द चीन लौटकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
जानकारी
विदेश मंत्री ने भी उठाया था छात्रों का मुद्दा
छात्रों की वापसी का मुद्दा भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले साल सितंबर में चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बैठक के दौरान भी उठाया था। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से इतर मुलाकात की थी।
कदम
भारत ने चीनी नागरिकों के पर्यटन वीजा पर लगा दी थी रोक
भारतीय छात्रों के प्रवेश के मुद्दे पर गौर नहीं करने को लेकर भारत ने भी 24 अप्रैल को चीनी नागरिकों को पर्यटन वीजा देना बंद कर दिया था।
एयरलाइंस की वैश्विक संस्था इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने अपने सदस्यों को यह जानकारी दी थी। इससे चीनी यात्रियों का भारत आने पर रोक लग गई थी।
इसको देखते हुए अब चीनी सरकार ने भारतीय छात्रों को पढ़ाई के लिए वापस लौटने की इजाजत देने का फैसला किया है।