संकट में पड़ा यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों का भविष्य, गतिशीलता कार्यक्रम को नहीं मिली मान्यता
यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत वापस लौटे छात्रों मेडिकल छात्रों के लिए जरूर खबर है। राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) ने कहा है कि वह मेडिकल छात्रों के लिए यूक्रेनी सरकार द्वारा पेश किए जा रहे 'गतिशीलता कार्यक्रम' को मान्यता नहीं देगी। NMC ने पढ़ाई बीच में छूटने से परेशान छात्रों के कई अहम सवालों के जवाब भी दिए हैं, जिनकी जानकारी हम नीचे देने जा रहे हैं।
क्या है गतिशीलता कार्यक्रम जिसे NMC ने नहीं दी मान्यता?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 1 सितंबर से शुरू होने वाले ऑटम सेमेस्टर से पहले यूक्रेनी विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों को गतिशीलता कार्यक्रम की पेशकश कर रहे हैं। यह एक 'स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम' है जिसके तहत भारतीय छात्र कुछ सेमेस्टर के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने का विकल्प चुन सकते हैं। इस NMC ने मान्यता देने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा NMC ने स्पष्ट किया कि उन्हें भारतीय मेडिकल कॉलेजों में समायोजित करने का विकल्प नहीं है।
क्या यूक्रेन से लौटे विदेशी मेडिकल छात्रों को अन्य कॉलेजों में ट्रांसफर किया जा सकता है?
विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा विनियम, 2021 के अनुसार, एक छात्र का पूरा कोर्स, प्रशिक्षण और इंटर्नशिप एक ही विदेशी चिकित्सा संस्थान में होनी चाहिए और प्रशिक्षण या इंटर्नशिप का कोई भी हिस्सा अन्य संस्थानों से नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए विदेशी में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों के ट्रांसफर की अनुमति भारत में नहीं है। इस स्थिति में उन्हें या तो यूक्रेन लौटना होगा या किसी भारतीय कॉलेज में प्रवेश के लिए NEET पास करना होगा।
क्या मेडिकल छात्र छह साल के कोर्स से पांच साल में ट्रांसफर ले सकता है?
स्क्रीनिंग टेस्ट विनियम, 2022 में विदेश में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों के ट्रांसफर के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, इन मेडिकल छात्रों के ट्रांसफर पर तब तक कोई प्रतिबंध नहीं है, जब तक कि वो स्क्रीनिंग टेस्ट नियमों के तहत निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं। इसके तहत दूसरे वर्ष के मेडिकल छात्रों के पास यूक्रेनी विश्वविद्यालय छोड़ने और किसी अन्य विदेशी विश्वविद्यालय में व्यक्तिगत ट्रांसफर की तलाश करने का विकल्प है।
क्या यूक्रेन से लौटे विदेशी मेडिकल छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं वैध हैं?
विदेश में पढ़ने वाले ऐसे मेडिकल छात्र जिन्होंने 18 नवंबर, 2021 के बाद दाखिला लिया है, उन्हें केवल सैद्धांतिक (थ्योरी) विषयों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं लेने की अनुमति है और चिकित्सा और क्लीनिकल प्रशिक्षण ऑफलाइन लेना अनिवार्य है। बता दें कि ऑफलाइन प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद मेडिकल छात्रों के लिए विदेशी मेडिकल विश्वविद्यालय की तरफ से जारी किए गए प्रमाण पत्र को प्रस्तुत करना आवश्यक होता है।
क्या यूक्रेन लौटे विदेशी मेडिकल छात्रों को भारतीय संस्थानों में एडमिशन मिल सकता है?
इन छात्रों को भारतीय मेडिकल कॉलेजों में शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा NMC किसी भी मेडिकल योग्यता पुरस्कार के लिए विदेशी मेडिकल विश्वविद्यालयों या संस्थानों को मंजूरी नहीं देती है।