
UNSC: यूक्रेन के मुद्दे पर भारत ने पहली बार रूस के खिलाफ किया मतदान
क्या है खबर?
भारत ने बुधवार को पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के खिलाफ मतदान किया है।
भारत का यह रूख एक प्रक्रियात्मक मतदान के दौरान देखने को मिला। इस मतदान से यह तय होना था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधन की इजाजत दी जाए या नहीं।
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच यह पहली बार है, जब भारत ने रूस के खिलाफ मतदान किया है।
जानकारी
जेलेंस्की के संबोधन के खिलाफ था रूस
बैठक की शुरुआत में रूस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जेलेंस्की के संबोधन का विरोध करते हुए कहा कि नियम इसकी इजाजत नहीं देते हैं।
हालांकि, भारत समेत अधिकतर देश जेलेंस्की के संबोधन के समर्थन में थे और 15 सदस्यों वाली बैठक में 13-1 के मुकाबले यूक्रेनी राष्ट्रपति को भाषण देने की अनुमति मिली। केवल रूस इस प्रस्ताव के खिलाफ था, जबकि चीन मतदान से दूर रहा।
बुधवार को यूक्रेन के 31वें स्वतंत्रता दिवस पर यह बैठक बुलाई गई थी।
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर थी रूस को आपत्ति
रूस ने कहा कि वह बैठक में वोलोडिमीर जेलेंस्की के भाषण का विरोध नहीं कर रहा है, लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनके शामिल होने पर उसे आपत्ति है। इसलिए उसने प्रक्रियात्मक मतदान की मांग की थी।
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भारत ने नहीं की है रूस की निंदा
यूक्रेन पर रूस का आक्रमण फरवरी में शुरू हुआ था और उसके बाद से कई मौके पर UNSC में मतदान हो चुका है। इनमें से एक भी बार भारत ने रूस के खिलाफ मतदान नहीं किया है और वह उसने मतदान से दूरी बनाई है।
हालांकि, भारत ने हर बार दोहराया है कि दोनों देशों को युद्ध छोड़कर बातचीत की मेज पर लौटना चाहिए।
बता दें कि भारत दिसंबर, 2022 तक दो साल के लिए UNSC का अस्थायी सदस्य है।
संबोधन
जेलेंस्की ने अपने संबोधन में क्या कहा?
UNSC को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन में आक्रमण के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। अभी अगर रूस को नहीं रोका जाता है तो उसके सैनिक दूसरे देशों तक जा पहुंचेंगे। अब दुनिया का भविष्य यूक्रेन की धरती से तय होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि रूस ने जेपोरिझझिया परमाणु संयंत्र को युद्ध क्षेत्र में बदलकर दुनिया को परमाणु खतरे की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। इस संयंत्र में छह परमाणु रिएक्टर हैं।
यूक्रेन युद्ध
छह महीने से जारी है युद्ध
24 फरवरी से यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को छह महीने से अधिक का समय हो गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार रूस से युद्ध थामने की अपील कर रहा है।
दोनों देशों के बीच जारी इस लड़ाई के चलते यूक्रेन की एक चौथाई से अधिक आबादी दूसरे देशों में जा चुकी है। इनके अलावा 60 लाख से अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं।
दोनों देशों के हजारों सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।