प्रधानमंत्री मोदी ने व्लादिमीर पुतिन से की बात, कहा- बातचीत से सुलझाएं यूक्रेन युद्ध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बात की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत और कूटनीति के जरिए यूक्रेन युद्ध का समाधान करने की बात को दोहराया। दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच व्यापार और निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा सहयोग के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले कहा था- यह युग युद्ध का नहीं
गौरतलब है कि 15 और 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई थी। दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने तब भी राष्ट्रपति पुतिन से यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की मांग की थी। तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है।
रूस के बयान में नहीं किया गया यूक्रेन मुद्दे पर बातचीत का जिक्र
जहां एक तरफ भारत की तरफ से जारी बयान में बातचीत के जरिए यूक्रेन युद्ध को सुलझाने की बात कही गई वहीं दूसरी तरफ रूस की तरफ से जारी बयान में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है। रूस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन की तरफ रूस की सैन्य शक्ति का आकलन किया। वहीं, दोनों नेताओं के बीच रक्षा सहयोग को लेकर भी कोई बातचीत नहीं हुई।
G-20 की अध्यक्षता पर भी मोदी ने की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को जी-20 में भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में भी जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताएं बताईं। उन्होंने SCO में भारत की अध्यक्षता के दौरान दोनों देशों के एक साथ काम करने की भी उम्मीद जताई।
सालाना शिखर सम्मलेन में नहीं मिलेंगे प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने इस साल पांचवी बार फोन पर बातचीत की। भारत और रूस के बीच वर्ष 2000 से हर साल शिखर सम्मेलन आयोजित होता रहा है, जिसमें दोनों देशों के नेता आपस में मिलते हैं, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति के साथ व्यक्तिगत मुलाकात करने रूस नहीं जाएंगे। गौरतलब है कि भारत-रूस शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का सबसे बड़ा मंच है।
नई ऊंचाई पर है भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार
तेल और फर्टिलाइजर के बढ़े आयात के चलते भारत और रूस के बीच व्यापार अब तक के अपने सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। इस वित्त वर्ष (2022-23) के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में ही दोनों देशों के बीच 18,229 मिलियन डॉलर का व्यापार हो चुका था। व्यापार में इस बढ़ोतरी के साथ ही रूस भारत का 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है, जबकि पिछले साल वह 25वें स्थान पर था।