रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की मदद करने के लिए अमेरिका ने क्या-क्या किया है?
यूक्रेन और रूस के युद्ध को आज सातवां दिन है और रूस अभी तक कोई भी बड़ी सफलता पाने में नाकाम रहा है। यूक्रेन विपरीत परिस्थितियों में अद्भुत साहस का परिचय दे रहा है और उसकी दृढ़ता से प्रभावित होकर पश्चिमी देश उसकी मदद के लिए आगे आए हैं। इन देशों में अमेरिका भी शामिल है। आइए जानते हैं कि अमेरिका ने अब तक यूक्रेन की क्या-क्या मदद की है और रूस के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं।
35 करोड़ डॉलर के हथियार भेज रहा अमेरिका
रूस के खिलाफ युद्ध में मदद करने के लिए अमेरिका ने यूक्रेन को अपने भंडार से 35 करोड़ डॉलर के हथियार भेजने का फैसला लिया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के अनुसार, यूक्रेन को जो हथियार भेजे जाएंगे, उनमें एंटी-ऑर्मर, छोटी बंदूकें, बॉडी ऑर्मर और अन्य कई तरह के सैन्य सामान शामिल हैं। एक अधिकारी ने पैकेज में एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम शामिल होने की बात भी कही है। यूक्रेन ने एंटी-टैंक और एंटी-एयरक्राफ्ट हथियारों की खास तौर पर मांग की थी।
यूक्रेन की अपील पर रूस पर लगाए गए कड़े आर्थिक प्रतिबंध
यूक्रेन की अपील पर अमेरिका और अन्य देशों ने रूस पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं। अमेरिका ने रूस के सबसे बड़े बैंक समेत कई बैंकों पर प्रतिबंध लगाया है। एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति वाले ये बैंक अब अमेरिकी डॉलर में लेनदेन नहीं कर सकते और अमेरिका स्थित उनकी सारी संपत्ति फ्रीज कर दी गई है। अमेरिका ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके करीबी अमीरों पर भी कड़े प्रतिबंध आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
रूसी बैंकों को SWIFT से बाहर निकाल अमेरिका ने छोड़ा "परमाणु बम"
अमेरिका ने यूरोपीय संघ (EU) के साथ मिलकर रूस के कई बड़े बैंकों को अंतरराष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम SWIFT (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) से भी बाहर निकाल दिया है। युद्ध के बाद रूस के खिलाफ उठाया गया ये सबसे कड़ा प्रतिबंध है और इसे "आर्थिक पाबंदियों का परमाणु बम" भी कहा जाता है। बैंकिंग सिस्टम के जीमेल की तरह काम करने वाले SWIFT से बाहर होने पर रूस के बैंक अन्य अंतरराष्ट्रीय बैंकों से लेनदेन नहीं कर पाएंगे।
अमेरिका ने रूस को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग किया
अमेरिका ने रूस को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने का काम भी किया है। यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिकी प्रशासन ने तमाम देशों से संपर्क साध कर उन्हें रूस के इस कदम की आलोचना करने को कहा। अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के खिलाफ प्रस्ताव लेकर आया और रूस के इसे वीटो करने के बाद अब इसे UN महासभा में पेश किया जाएगा। तमाम खेल संगठनों से भी रूस को बाहर कर दिया गया है।
रूसी विमानों के लिए बंद किया गया अमेरिकी हवाई क्षेत्र
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को अमेरिकी हवाई क्षेत्र को रुसी एयरलाइंस के लिए बंद करने का ऐलान भी किया। इस प्रतिबंध का मतलब है कि रूस के विमान अमेरिका के हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। अमेरिका के इस कदम से न केवल रूसी एयरलाइंस को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, बल्कि पुतिन पर भी रूस के अंदर दबाव बढ़ेगा। अमेरिका से पहले कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और EU के कई देश भी यह कदम उठा चुके हैं।