मजार-ए-शरीफ के बाद जलालाबाद पर भी कब्जा, काबुल के और नजदीक पहुंचा तालिबान
अफगानिस्तान का एक और बड़ा शहर जलालाबाद तालिबान के कब्जे में आ गया है। पिछले कुछ घंटों में तालिबान ने मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद समेत कई बड़े शहरों को अपने नियंत्रण में कर लिया है। तालिबान ने बिना किसी लड़ाई के जलालाबाद पर कब्जा किया है। बड़े शहरों में अब केवल काबुल उनके नियंत्रण से बाहर है और वो तेजी से इसकी तरफ बढ़ रहा है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान को जोड़ने वाली सड़क पर भी तालिबान का कब्जा है।
रातों-रात जलालाबाद पर कब्जा
मजार-ए-शरीफ को नियंत्रण में लेते समय भी तालिबान को खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी। स्थानीय निवासियों ने बताया कि तालिबान के लड़ाके गाड़ियों और मोटरसाइकिलों पर जश्न मनाते घूम रहे थे और हवा में गोलिया चला रहे थे। वहीं जलालाबाद पर भी उसने बिना लड़ाई कब्जा कर लिया। एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि जब वो सुबह उठे तो पूरे शहर में तालिबान के सफेद झंडे लहरा रहे थे। वो बिना लड़ाई यहां नियंत्रण कर चुके हैं।
अफगान सरकार के कम हो रहे विकल्प
एक के बाद एक शहर पर नियंत्रण करता हुए तालिबान और मजबूत हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान सरकार के पास विकल्पों की कमी हो रही है। तालिबान चारों तरफ से काबुल को घेर चुका है। ऐसे में राष्ट्रपति अशरफ गनी को लड़ाई या हथियार डालने के लिए तैयार रहना होगा। शनिवार को उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि वो लोगों पर युद्ध नहीं थोपे जाने देंगे और स्थिरता के लिए काम करेंगे।
लोगों की बढ़ रहीं मुश्किलें
तालिबान के बढ़ते प्रभुत्व के बीच लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग जगहों पर बैंकों के बाहर लोगों की लंबी लाइनें नजर आ रही हैं, जो अपना पैसा निकालना चाहते हैं। कई जगह शाखाओं पर नकदी खत्म होने की भी सूचना है। दूसरी तरफ हजारों की संख्या में लोग तालिबान के नियंत्रण में आ चुके इलाकों से काबुल पहुंच रहे हैं और उन्होंने पार्कों और सड़कों के किनारे शरण ली है।
अमेरिका ने 1,000 अतिरिक्त सैनिक भेजने का फैसला किया
अफगानिस्तान से राजनयिकों और अमेरिका की मदद करने वाले लोगों को निकालने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन ने 1,000 अतिरिक्त सैनिक भेजने का आदेश दिया है। ये पहले से अफगानिस्तान आए 3,000 सैनिकों से अतिरिक्त होंगे।
20 सालों में जो पाया, उसे नष्ट नहीं होने देंगे- गनी
शनिवार को देश के नाम संबोधन में गनी ने कहा, "हमने पिछले 20 सालों में जो पाया है, उसे अब जाने नहीं देंगे। हम अफगानों की और हत्याएं नहीं होने देंगे और न ही सरकारी संपत्ति को नष्ट होने देंगे।" उन्होंने कहा, "हमने सरकार के भीतर और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ राय-मशविरा किया है। यह बातचीत अभी भी चल रही है और इसके नतीजे जल्द ही आपके सामने होंगे।" हिंसा शुरू होने के बाद उनका यह पहला संबोधन था।
तालिबान की तेजी ने विशेषज्ञों को चौंकाया
बता दें कि अमेरिका और नाटो अफगानिस्तान से अपने अंतिम सैनिकों की वापसी को पूरा करने के अंतिम दौर में हैं। इसको देखते हुए तालिबान ने अफगानी सुरक्षाबलों और आम नागरिकों पर हमले तेज कर दिए हैं। अब तक वह कुंदूज, सर-ए-पोल, तालोकान, निमरोज, लोगार, नोवज्जान प्रांत की राजधानी शबरघान, गजनी, शरना, कंधार और हेरात सहित 18 से ज्यादा प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर चुका है। तालिबान की तेजी ने विशेषज्ञों को चौंका दिया है।