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    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / यूक्रेन पर साइबर अटैक के लिए रूस का 'हथियार'; आखिर क्या है वाइपर मालवेयर?
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    यूक्रेन पर साइबर अटैक के लिए रूस का 'हथियार'; आखिर क्या है वाइपर मालवेयर?
    रूस की ओर से यूक्रेन पर साइबर अटैक्स किए जाने की बात सामने आई है।

    यूक्रेन पर साइबर अटैक के लिए रूस का 'हथियार'; आखिर क्या है वाइपर मालवेयर?

    लेखन प्राणेश तिवारी
    Feb 25, 2022
    10:49 pm

    क्या है खबर?

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच जहां धमाकों और लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं, वहीं यूक्रेन पर साइबर अटैक्स होने के मामले भी सामने आए हैं।

    यूक्रेन सरकार की ढेरों वेबसाइट्स और बैकिंग वेबसाइट्स हैक होने से जुड़ी रिपोर्ट्स आ रही हैं।

    इन हमलों के लिए रूस वाइपर नाम का मालवेयर भी इस्तेमाल कर रहा है, जो किसी सिस्टम में स्टोर सारा डाटा डिलीट कर सकता है।

    आइए इसके बारे में जानते हैं।

    अटैक

    कुछ महीने पहले बनाए गए हैं हैकिंग टूल्स

    रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यूक्रेन के साइबर रिसोर्सेज पर हुए अटैक में इस्तेमाल किए गए कई हैकिंग टूल्स करीब दो महीने पहले बनाए गए हैं।

    इसका मतलब है कि इन टूल्स से बचाने वाले सॉफ्टवेयर्स फिलहाल उपलब्ध नहीं है, जिसका फायदा अटैकर्स को मिल रहा है।

    रूस की कोशिश साइबर अटैक कर यूक्रेन की इंटरनेट आधारित व्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाने की है, जिसके उसकी तकनीकी व्यवस्था को तोड़ा जा सके।

    मालवेयर

    क्या है वाइपर मालवेयर?

    नाम से ही साफ है कि वाइपर (Wiper) मालवेयर किसी सिस्टम को शिकार बनाने के बाद उसमें सेव सारा डाटा वाइप या डिलीट कर देता है।

    बुरा पहलू यह है कि मालवेयर की मदद से डिलीट किया गया डाटा किसी भी तरह रिकवर नहीं किया जा सकता।

    अन्य पब्लिक मालवेयर्स की तरह वाइपर पैसे चुराने या रैंसम मांगने जैसी की कोशिशें नहीं करता।

    इस मालवेयर का इकलौता मकसद पूरे सिस्टम को तबाह करना और खत्म कर देना है।

    तरीका

    ऐसे काम करता है वाइपर मालवेयर

    मालवेयर नुकसान पहुंचाने के बाद खुद भी सिस्टम में सेव डाटा के साथ हमेशा के लिए डिलीट हो जाता है।

    यानी कि इस मालवेयर की किसी सिस्टम में मौजूदगी का पता तक नहीं चलता और इसका काउंटर-अटैक तैयार करने का मौका ही नहीं मिलता।

    दरअसल, वाइपर मालवेयर सबसे पहले सिस्टम रिकवरी टूल्स को निशाना बनाता है, जिससे डिलीट होने वाला डाटा कभी वापस ना आ सके।

    सारा डाटा डिलीट होने के चलते, अटैक साबित तक नहीं किया जा सकता।

    खतरा

    मामूली सी चूक बना देती है इसका शिकार

    किसी भी अन्य मालवेयर की तरह वाइपर भी साइबर सुरक्षा दुरुस्त ना होने पर या फिर मामूली चूक होने के चलते सिस्टम को शिकार बना सकता है।

    एक्सपर्ट्स किसी भी तरह की अनजान फाइल या सॉफ्टवेयर डाउनलोड ना करने की सलाह देते हैं।

    IT एडमिनिस्ट्रेटर्स को ऐसे अटैक्स मॉनीटर करने और दूसरों को ऐसे अटैक्स से जुड़ी चेतावनी देने के लिए कहा गया है, जिससे बाकी सिस्टम्स को बचाया जा सके।

    सावधानी

    ऐसे मालवेयर से बचाव के लिए सावधानी जरूरी

    डाटा वाइप करने वाले मालवेयर से सिस्टम को बचाने के लिए जरूरी डाटा का बैकअप रखना चाहिए।

    आप हार्ड डिस्क या फिर क्लाउड पर डाटा बैकअप सेव कर सकते हैं।

    इसके अलावा अपने संगठन या पर्सनल कंप्यूटर का फायरवॉल सिस्टम मजबूत करने की सलाह भी आपको दी जाती है।

    किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखने पर अन्य लोगों को सतर्क कर दें और अनजान लिंक पर क्लिक करने या फाइल्स डाउनलोड करने जैसी गलतियां ना करें।

    जानकारी

    न्यूजबाइट्स प्लस

    लगभग सभी स्मार्टफोन वायरस आसान भाषा में मालवेयर कह दिए जाते हैं और इनके साथ यूजर्स की डाटा चोरी से लेकर मालिशियस कोड्स या फाइल्स इंस्टॉल करने जैसे काम किए जाते हैं। मालवेयर का इस्तेमाल अटैकर्स या हैकर्स अलग-अलग मकसद के लिए कर सकते हैं।

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