अमेरिका संसद में दुर्लभ प्रस्ताव; अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताया, चीन की आलोचना
अमेरिकी संसद में गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश पर भारत की स्थिति का समर्थन करने और चीन की आलोचना करने वाला दुर्लभ प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताया गया है, वहीं सैन्य शक्ति के दम पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति बदलने की चीन की कोशिश की निंदा की गई है। इस प्रस्ताव को डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने मिलकर पेश किया है।
प्रस्ताव में क्या कहा गया है?
डेमोक्रेटिक सांसद जेफ मार्कली और रिपब्लिकन सांसद बिल हैगर्टी द्वारा अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि 1962 भारत-चीन युद्ध के बाद से अमेरिका मैकमोहन लाइन को चीन और भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता आया है और वह अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र नहीं बल्कि भारत का अभिन्न अंग मानता है। अरुणाचल में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की पृष्ठभूमि में ये प्रस्ताव लाया गया है।
प्रस्ताव में चीन के बारे में क्या कहा गया?
प्रस्ताव में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करने के लिए चीन की निंदा करते हुए उनकी आक्रामक नीतियों की कड़ी आलोचना की गई है। इनमें LAC पर यथास्थिति बदलने के लिए सैन्य बल का प्रयोग, विवादित इलाकों में गावों का निर्माण, अरुणाचल प्रदेश की जगहों को चीन का हिस्सा दिखाकर उन्हें चीनी नाम देना और भूटान में घुसपैठ आदि मामले शामिल हैं। प्रस्ताव में चीन से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा भी की गई है।
मार्कली बोले- अमेरिका का भारत के साथ खड़ा होना जरूरी
मार्कली ने प्रस्ताव पर मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह प्रस्ताव स्पष्ट करता है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा मानता है, चीन का नहीं।" उन्होंने कहा कि ऐसे समय पर जब चीन स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए खतरा बना हुआ है, अमेरिका के लिए अपने रणनीतिक साझेदारों, विशेषकर भारत, के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता और नियम आधारित व्यवस्था अमेरिका के हर संबंध के केंद्र में है।
क्यों अहम है प्रस्ताव?
यूं तो अमेरिका पहले से ही अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा मानता आया है, लेकिन ये पहली बार है जब मुद्दे पर इतना विस्तृत प्रस्ताव पेश किया गया है। इस प्रस्ताव की अहमियत इस बात से और बढ़ जाती है कि इसे अमेरिका की दोनों मुख्य पार्टियों का समर्थन हासिल है और उनके सांसदों ने मिलकर इसे पेश किया है। प्रस्ताव में चीन की आलोचना के साथ-साथ भारत का खुलेआम समर्थन करना भी एक अहम बात है।
क्या है अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद?
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताते हुए इस पर अपना दावा करता है। पिछले कुछ समय में चीन ने यहां घुसपैठ करते हुए भारतीय सीमा के अंदर दो गांव बसा लिए हैं। इनमें से एक गांव में 100 और दूसरे में 60 घर हैं। इसके अलावा चीन ने अरुणाचल की 15 जगहों के नाम भी बदल दिए हैं। बीते 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई थी।