गलवान घाटी और पैंगोंग झील का दौरा करेगी रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति
क्या है खबर?
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे से भारत और चीन की सेनाओं द्वारा अपने टैंकों को पीछे हटाने के बीच बड़ी खबर आई है।
रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील और गलवान घाटी का दौरा करने का फैसला किया है।
हालांकि, दौरे पर जाने से पहले समिति को सरकार की अनुमति लेनी होगी। समिति से जुड़े सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है।
पृष्ठभूमि
पिछले साल अप्रैल से जारी है भारत और चीन के बीच तनाव
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच अप्रैल से LAC पर तनाव बना हुआ है और अभी चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं।
इनमें देपसांग, गोगरा, पैंगोंग झील का फिंगर्स एरिया और चुशूल सब-सेक्टर शामिल हैं। पहले तीन इलाकों में चीन ने LAC पार करके भारतीय इलाके पर कब्जा कर रखा है।
अभी दोनों देशों के लगभग 60,000-60,000 सैनिक LAC पर तैनात हैं और कुछ जगह उनके बीच मात्र कुछ सौ मीटर का फासला है।
सहमति
कमांडर स्तर की नौवे दौर की वार्ता में बनी थी सहमति
दोनों देशों के बीच गत 24 जनवरी को चीन के मोल्डो में दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की नौवे दौर की वार्ता हुई थी।
इसमें दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों के पीछे हटने पर सहमति बनी थी।
इसके बाद गत दोनों देशों ने 10 फरवरी से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से पीछे हटना शुरू कर दिया था। चीन ने महज दो दिन में ही मौके से 200 टैंकों को हटा लिया।
समझौता
राजनाथ सिंह ने गुरुवार को किया था सैनिक वापसी के समझौते का ऐलान
भारत-चीन सीमा पर पिछले 10 महीने से कायम गतिरोध को तोड़ने में एक बड़ी सफलता का ऐलान करते हुए गुरुवार को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि दोनों देशों में पैंगोंग झील से सेनाएं पीछे हटाने पर समझौता हुआ है।
इसके तहत चीन फिंगर आठ तक और भारत फिंगर तीन तक अपनी सेनाओं को पीछे हटाएंगे। राजनाथ ने कहा था कि फिंगर तीन से फिंगर आठ के बीच गश्त और अन्य सैन्य गतिविधियां बंद रहेंगी।
निर्णय
संसद की स्थायी समिति ने पिछले बैठक में किया था दौरा करने का निर्णय
NDTV के अनुसार स्थायी समिति ने पिछली बैठक में गलवान घाटी और पैंगोंग झील क्षेत्र का दौरा करने का निर्णय किया था। उस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी उपस्थित नहीं थे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता जुएल ओराम की अध्यक्षता वाली समिति आगामी मई और जून के अंतिम सप्ताह में क्षेत्र का दौरा करना चाहती है।
समिति में राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, शरद पवार, संजय राउत सहित 31 सदस्य शामिल हैं।
सवाल
राहुल गांधी ने चीन से हुए समझौते पर उठाए थे सवाल
राजनाथ सिंह की ओर से गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में चीन के साथ हुए समझौते की जानकारी देने के बाद राहुल गांधी ने इस पर कई सवाल खड़े किए थे।
उन्होंने दावा किया था कि प्रधानमंत्री ने 'भारत माता का एक टुकड़ा' चीन को दे दिया।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री चीन के बढ़ते दबाव के चलते उसके सामने झुक गए और उन्होंने सैनिकों की शहादत के साथ विश्वासघात किया है। यह सही नहीं है।
जानकारी
रक्षा मंत्रालय ने खारिज किया राहुल गांधी का दावा
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के तहत किसी भी इलाके से भारत ने अपना दावा नहीं छोड़ा है।