चीन में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों से बाकी दुनिया को डरना चाहिए?
क्या है खबर?
चीन में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू जीरो-कोविड नीति हटाने के बाद से तेजी से संक्रमण और मौत के मामले बढ़ रहे हैं।
वहां पिछले एक महीने में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और 20 प्रतिशत से अधिक आबादी संक्रमित हो चुकी है।
वर्तमान में वहां के अस्पताल और मुर्दाघर पूरी तरह भरे हुए बताए जा रहे हैं।
ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या चीन के इन हालातों से बाकी दुनिया को डरना चाहिए।
कारण
चीन में संक्रमण के तेजी से बढ़ने का क्या है कारण?
विशेषज्ञों की मानें तो लंबे समय तक जीरो कोविड नीति लागू होने के कारण चीन में अधिक संक्रमण नहीं फैला।
इसके चलते कई लोग संक्रमण से अछूते रहे और उनमें कोरोना वायरस के खिलाफ प्राकृतिक इम्युनिटी विकसित नहीं हो सकी।
इसी कारण चीन में जब भी संक्रमण का एक भी मामला आया तो उससे बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए।
ऐसा इस साल मार्च और अप्रैल के महीनों में देखने को मिला था जब रिकॉर्ड केस दर्ज किए गए थे।
अध्ययन
वैक्सीनेशन के आठ महीने बाद खत्म हो जाती है इम्यूनिटी
एक अध्ययन के अनुसार, वैक्सीन की पहली बूस्टर खुराक के आठ महीने बाद उससे बनने वाली इम्यूनिटी खत्म हो जाती है।
हालांकि, लोगों के गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा कम रहता है, लेकिन वह फिर से वायरस की चपेट में आ सकता है।
इसके बाद भी चीन में लंबे समय तक जीरो कोविड नीति लागू रहने से वैक्सीनेशन से बनी गंभीर बीमारी से बचने की इम्यूनिटी में भी कमी आई होगी।
जानकारी
न्यूजीलैंड में वैक्सीनेशन के बाद हटा दी गई थी पाबंदियां
चीन के विपरीत न्यूजीलैंड सरकार ने वैक्सीनेशन के बाद सभी तरह की पाबंदियों को खत्म कर दिया था। इससे कुछ समय के लिए संक्रमण में तो बढ़ोतरी हुई, लेकिन लोगों में इम्यूनिटी बनने से मृत्यु दर कई देशों की तुलना में कम रही है।
हालात
वर्तमान में चीन में कैसी है स्थिति?
सोशल मीडिया पर सामने आए कुछ वीडियो में देखा जा सकता है कि चीन के अस्पताल मरीजों से भर चुके हैं और दवाइयों की भारी कमी भी देखने को मिल रही है।
अस्पताल में मरीजों को फर्श पर लिटाकर ही उपचार किया जा रहा है। इसी तरह अस्पतालों के मुर्दाघरों में शवों के ढेर लगे हुए हैं।
संक्रमण से मरे लोगों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान में लंबी लाइनें लगी हुई है और हालात बेहद खराब हैं।
कारण
चीन में ओमिक्रॉन का BF.7 सब-वेरिएंट फैला रहा संक्रमण
चीन में कोरोना वायरस का BF.7 स्ट्रेन फैल रहा है जो ओमिक्रॉन का एक सब-वेरिएंट है।
वर्तमान में ओमिक्रॉन के 500 से अधिक सब-वेरिएंट प्रचलन में हैं। BF.7 का पूरा नाम BA.5.2.1.7 है जो BA.5 सब-वेरिएंट से विकसित हुआ है।
गौरतलब है कि अक्टूबर में अमेरिका में पांच प्रतिशत से अधिक मामलों और यूनाइटेड किंगडम (UK) में सात प्रतिशत से अधिक मामलों में बढ़ोतरी BF.7 के कारण हुई थी।
खतरा
चीन में कैसी हो सकती है आगे की स्थिति?
चीन की मौजूदा लहर के चरम और गिरावट के बारे में वहां की वर्तमान स्थिति सामने आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है, लेकिन ब्रिटिश फर्म एयरफिनिटी के अनुसार चीन में 13 जनवरी को मामले चरम पर पहुंच सकते हैं और तब एक दिन में 37 लाख मामले दर्ज किए जाएंगे।
महामारी विशेषज्ञों का अनुमान है कि चीन में अगले तीन महीने में 80 करोड़ लोग संक्रमित होंगे और 10 लाख से अधिक मौतें होने की आशंका है।
प्रयास
चीन को वर्तमान स्थिति में क्या करना चाहिए?
चीन में वर्तमान में संक्रमण की हालत बेहद खराब है। वर्तमान में वहां एक संक्रमित व्यक्ति 10-18 लोगों को संक्रमित कर रहा है।
ऐसे में लॉकडाउन, स्कूल बंद करना और मास्क अनिवार्य करना काफी नहीं होगा।
चीन सरकार को अब अपनी वृद्ध और अधिक कमजोर आबादी के बीच वैक्सीनेशन को बढ़ाना चाहिए।
इसी तरह अभी तक वैक्सीनेशन से अछूते रहे लोगों की पहचान कर उन्हें वैक्सीन लगाने पर फोकस करना चाहिए।
खतरा
क्या चीन के संक्रमण से बाकी दुनिया को खतरा है?
चीन की स्थिति के विपरीत अधिकांश देशों में अब उच्च इम्यूनिटी के साथ गंभीर बीमारी और कोरोना से होने वाली मौतों के खिलाफ सुरक्षा है।
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के अनुसार, चीन की मौजूदा स्थिति यूरोप को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी।
इसी तहर अमेरिका और भारत सहित अन्य देशों में भी पर्याप्त मात्रा में वैक्सीनेशन हो चुका है और वहां ऐहतियाती कदम उठा लिए हैं। ऐसे में इसका ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा।