राहुल गांधी को सरकार का जवाब, कहा- समझौते के कारण भारत ने कोई जमीन नहीं गंवाई
क्या है खबर?
मोदी सरकार के भारत की जमीन चीन को देने के राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि समझौते के तहत भारत ने कोई जमीन नहीं गंवाई है, बल्कि इसके विपरीत वह यथास्थिति में एकतरफा बदलाव को रोकने में कामयाब रहा है।
कई बिंदुओं के अपने जवाब में मंत्रालय ने साफ किया है कि अन्य जगहों पर अभी भी गतिरोध है और पैंगोंग झील पर सेनाएं पीछे हटने के बाद इन पर बातचीत होगी।
पृष्ठभूमि
राहुल गांधी ने खड़े किए थे समझौते पर सवाल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पैंगोंग झील से सेनाएं पीछे हटाने के भारत और चीन के समझौते को लेकर मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए थे।
उन्होंने पूछा था कि पहले भारतीय जवान फिंगर चार पर तैनात रहते थे तो अब वे फिंगर तीन पर कैसे आ गए। उन्होंने देपसांग इलाके में भारतीय जमीन पर चीन की घुसपैठ और गोगरा और हॉट स्प्रिंग में चीनी सेना की मौजूदगी पर भी सवाल खड़े किए थे।
निशाना
राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया था कायर
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जमकर निशाना साधा था और उन्हें कायर बताते हुए कहा था कि उन्होंने फिंगर तीन से फिंगर चार तक की जमीन चीन को पकड़ा दी और वह चीन के सामने झुक गए हैं।
राहुल ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री ने आकर देश को सच क्यों नहीं बताया कि उन्होंने भारत की जमीन चीन को दे दी है। प्रधानमंत्री मोदी में चीन का सामना करने की हिम्मत नहीं है।"
प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्रालय ने कहा- फिंगर चार तक भारतीय क्षेत्र होने की बात बिल्कुल गलत
अब रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए राहुल गांधी के इन्हीं सवालों और आरोपों का जवाब दिया है।
अपने बयान में मंत्रालय ने कहा, "यह कथन कि भारतीय क्षेत्र फिंगर चार तक है, पूरी तरह से गलत है। भारतीय क्षेत्र वह है जो भारत के मानचित्र में दर्शाया गया है और इसमें 1962 से चीन के गैरकानूनी कब्जे में चल रहा 43,000 वर्ग किलोमीटर इलाका भी शामिल है।"
बयान
भारत का दावा फिंगर आठ तक- मंत्रालय
मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा, "भारत के अनुसार, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) भी फिंगर आठ पर है, फिंगर चार पर नहीं। इसी कारण भारत लगातार फिंगर आठ तक गश्त के अधिकार पर अड़ा हुआ है।"
बयान के अनुसार, "पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों पक्षों की स्थायी पोस्ट अच्छी तरह से स्थापित हैं। भारत की तरफ यह फिंगर तीन के पास धन सिंह थापा पोस्ट और चीन की तरफ यह फिंगर आठ के पास है।"
सफाई
भारत ने कोई क्षेत्र नहीं गंवाया- मंत्रालय
मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा समझौते के तहत दोनों पक्ष अग्रिम मोर्चे पर की गईं अपनी तैनातियां हटाएंगें और इन स्थायी पोस्ट्स पर तैनातियां जारी रखेंगे।
चीन को जमीन देने के राहुल के आरोपों पर मंत्रालय ने कहा, "भारत ने इस समझौते के तहत कोई क्षेत्र नहीं गंवाया है। इसके विपरीत उसने LAC के पालन और सम्मान को लागू किया है और यथास्थिति में एकतरफा बदलाव को रोका है।"
बातचीत
बयान में कहा गया, अन्य अनसुलझे मुद्दों पर भी होगी बातचीत
हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग पर मंत्रालय ने कहा, "रक्षा मंत्री ने अपने बयान में यह भी साफ किया था कि हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग में कुछ अनसुलझे मुद्दे रहते हैं। पैंगोंग झील पर सेनाएं पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के बाद बाकी अनसुलझे मुद्दों पर बातचीत होगी।"
मंत्रालय ने कहा कि हमारे सैनिकों की शहादत से प्राप्त हुईं उपलब्धियों पर संदेह करने वाले असल में उनका अपमान कर रहे हैं।
समझौता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कल दी थी समझौते की जानकारी
बता दें कि गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को बताया था कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बन गई है और इस पर अमल भी शुरू हो गया है।
उन्होंने बताया था कि सेनाओं को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा और भारत फिंगर तीन पर स्थित अपने धन सिंह थापा पोस्ट और चीन फिंगर आठ स्थित अपने पोस्ट तक सेनाएं पीछे हटाएंगे।