राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को 'कायर' बताया, कहा- भारत की जमीन चीन को दे दी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर भारत की जमीन चीन को देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चीन पूर्वी लद्दाख में भारत की जमीन पर आकर बैठा है और सरकार इस बारे में बात नहीं कर रही। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को 'कायर' बताते हुए कहा कि उनमें चीन के सामने खड़े होने की हिम्मत नहीं है। यह सच्चाई है। वो सैनिकों की शहादत का अपमान कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने दी थी भारत और चीन के बीच हुए समझौते की जानकारी
गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को बताया था कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बन गई है। इस पर अमल भी शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि सेनाओं को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा और भारत फिंगर तीन पर स्थित अपने धन सिंह थापा पोस्ट और चीन फिंगर आठ स्थित अपने पोस्ट तक सेनाएं पीछे हटाएंगे।
राहुल गांधी ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल ने कहा, "कल रक्षा मंत्री ने संसद में पूर्वी लद्दाख को लेकर बयान दिया था। अब हमारे सैनिक पैंगोंग लेक में फिंगर तीन पर तैनात होंगे। इससे पहले हमारे सैनिक फिंगर चार पर तैनात रहते थे और वह हमारी जमीन है। अब हम फिंगर चार से आखिर फिंगर तीन पर क्यों आ गए? आखिर पीएम नरेंद्र मोदी ने हमारे देश की जमीन चीन को क्यों दे दी है?"
बयान में चीन की घुसपैठ का जिक्र नहीं- राहुल
राहुल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की फिंगर तीन से फिंगर चार तक की जमीन चीन को पकड़ा दी है। वो चीन के सामने झुक गए हैं। रक्षा मंत्री के भाषण की तरफ इशारा करते हुए राहुल ने कहा कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देपसांग इलाके में चीन भारत की जमीन पर घुसा है। बयान में इसका कोई जिक्र नहीं था। गोगरा, देप्सांग और हॉट स्प्रिंग इलाके में अब भी चीन की सेना बैठी हुई है।
"प्रधानमंत्री मोदी खुद आकर देश को सच क्यों नहीं बताते?"
लोकसभा सांसद राहुल ने कहा कि रक्षा मंत्री आकर एक छोटा भाषण देते हैं। प्रधानमंत्री ने आकर देश को सच क्यों नहीं बताया कि उन्होंने भारत की जमीन चीन को दे दी है। प्रधानमंत्री मोदी चीन का सामना करने के लिए तैयार नहीं है।
भारत और चीन के बीच क्या समझौता हुआ है?
इससे पहले राजनाथ सिंह ने गुरुवार को समझौते की जानकारी देते हुए राज्यसभा में बताया था कि चीन अपनी सेना को पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर आठ की पूर्व दिशा और भारत अपनी सेना को फिंगर तीन के पास अपनी स्थायी अड्डे धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा। उन्होंने कहा कि उत्तरी किनारे पर दोनों सेनाओं की गश्त समेत तमाम गतिविधियों को अस्थाई तौर पर स्थगित करने पर भी सहमति बनी है।
समझौते से पहले पैंगोंग झील पर क्या स्थिति थी?
भारत और चीन के बीच पिछले साल अप्रैल से पैंगोंग झील समेत कई इलाकों में टकराव की स्थिति बनी हुई है। अगर आप जानना चाहते हैं कि समझौते से पूर्व क्या स्थिति थी और अब क्या बदला है तो यहां टैप कर सकते हैं।