ईरान ने विकसित की क्रूज मिसाइल, शीर्ष कमांडर ने दी डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की धमकी
ईरान के एक शीर्ष कमांडर ने बताया है कि देश ने 1,650 किलोमीटर दूरी की मारक क्षमता वाली क्रूज मिसाइल विकसित की है। इसकी जानकारी देते हुए ईरान की रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स एयरोस्पेस फोर्स के प्रमुख अमीराली हाजीजादेह ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करने की धमकी भी दी है। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के तत्कालीन सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी।
ईरानी कमांडर ने क्या कहा?
हाजीजादेह ने कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने की बात करते हुए एक सरकारी चैनल को बताया, "हम अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मारना चाहते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि सुलेमानी की हत्या करने का आदेश देने वाले पूर्व विदेश सचिव माइक पोम्पियो और अन्य अमेरिकी अधिकारियों को भी मारा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "1,650 किलोमीटर की रेंज वाली नई क्रूज मिसाइल को ईरान के मिसाइल शस्त्रागार में शामिल कर लिया गया है।"
बेकसूर जवानों को मारने का उनका कोई ईरादा नहीं था- हाजीजादेह
ईरानी कमाडंर हाजीजादेह ने आगे कहा, "2020 में बेकसूर जवानों को मारने का उनका कोई ईरादा नहीं था, लेकिन जब अमेरिका ने हमारी राजधानी बगदाद में ड्रोन हमला किया और हमारे सैन्य कमांडर सुलेमानी की हत्या की थी तो जवाबी कार्रवाई में हमें उनके सैनिकों पर बैलिस्टिक मिसाइल दागनी पड़ी थी।" गौरतलब है कि मिसाइल हमले के बाद यूक्रेन एयरलाइन को भी गलती से निशाना बनाया गया था, जिसमें 176 लोगों की मौत हो गई थी।
कौन थे कासिम सुलेमानी?
जनरल कासिम सुलेमानी ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख थे। मध्य-पूर्व में ईरान का प्रभुत्व बढ़ाने में उनका अहम योगदान था। कुद्स फोर्स ईरान की शक्तिशाली इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) का एक हिस्सा है और यह विदेशों में अभियानों को अंजाम देती है। सुलेमानी 1998 से इसके प्रमुख थे और ईरान में उनका रुतबा किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं था। उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई का करीबी माना जाता था।
ईरान ने किया है अपने मिसाइल कार्यक्रम का विस्तार
बता दें कि ईरान ने अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों द्वारा चिंता जताए जाने के विरोध में लगातार अपने मिसाइल कार्यक्रम का विस्तार किया है, जिसमें लंबी दूरी की मारक क्षमता वालीं बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल हैं। हालांकि ईरान का दावा है कि उसका यह कार्यक्रम पूरी तरह से रक्षात्मक है। गौरतलब है कि ईरान ने हाल ही में दावा किया था कि उसने यूक्रेन युद्ध से पहले रूस को ड्रोन भी सप्लाई किए थे।