G-20 सम्मेलन में मोदी और ट्रम्प के बीच होगी द्विपक्षीय बैठक
क्या है खबर?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच G-20 शिखर सम्मेलन के समय द्विपक्षीय बैठक होगी।
28 और 29 जून को जापान के ओसाका में G-20 शिखर सम्मेलन होगा।
उससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के भारत दौरे में इस बैठक की रूपरेखा तय होगी।
पोम्पियो मंगलवार रात को भारत के तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचेंगे।
ये दोनों कार्यक्रम ऐसे समय पर होंगे जब दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में तनाव है।
जानकारी
जिनपिंग और पुतिन के साथ बैठक करेंगे मोदी
G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ त्रिकोणीय वार्ता का भी हिस्सा होंगे। इस वार्ता में अमेरिका संबंधी मुद्दे छाए रह सकते हैं।
मुलाकात
मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली मुलाकात
मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी और ट्रम्प की पहली मुलाकात होगी।
ट्रम्प ने जीत के बाद मोदी को फोन करके जीत की बधाई दी थी।
दोनों नेताओं में आर्थिक मुद्दों के अलावा ईरान के साथ अमेरिका के मौजूदा तनाव पर भी बात हो सकती है।
बता दें कि पिछले दिनों ट्रम्प ने भारत का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। इसके बाद भारत ने भी 28 अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया था।
पोम्पियो भारत दौरा
पोम्पियो के साथ इन मुद्दों पर होगी बातचीत
वैसे तो अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो का भारत दौरा पहले से ही तय था, लेकिन अब इसमें मोदी-ट्रम्प मुलाकात की रूपरेखा भी तय की जाएगी।
पोम्पियो बुधवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलेंगे और दोनों में आतंकवाद, ट्रेड वॉर, H-1B वीजा, रूस के रक्षा सौदे और ईरान जैसे अहम मुद्दों पर बात होगी।
बता दें कि जयशंकर को अमेरिकी मामलों में विशेषज्ञ माना जाता है और वह अमेरिका में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं।
मुद्दा
ईरान के मुद्दे पर हो सकती है बात
ट्रम्प और पोम्पियो के साथ होने वाली इन बैठकों में जो एक मुद्दा सबसे अहम रह सकता है, वो है ईरान।
अमेरिका चाहता है कि भारत ईरान से तेल लेना बंद कर दे।
हाल ही में ईरान के अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने के बाद अमेरिका उसे लेकर और अधिक आक्रामक हुआ है।
इसका असर इन बैठकों में ही देखने को मिल सकता है।
अमेरिका के ईरान पर नए प्रतिबंध भी 24 जून से लागू होने वाले हैं।
अन्य मुद्दे
रूस से हथियार खरीद पर भी होगी चर्चा
एक दूसरा अहम मुद्दा रूस से भारत की हथियार खरीद का है।
भारत रूस से S-400 मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, जबकि अमेरिका उससे ऐसा करने से मना कर रहा है।
अमेरिका भारत को अपने हथियार बेचना चाहता है।
ऐसा न करने पर उसने भारत पर CAATSA प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है।
वहीं मौजूदा ट्रेड वॉर के बीच भारत-चीन के रिश्तों पर भी अमेरिका की नजर है और इस पर भी बातचीत हो सकती है।
बयान
पोम्पियो ने कहा था, संबंधों को नए स्तर पर ले जाने का अद्वितीय मौका
अपने दौरे से पहले पोम्पियो कह चुके हैं कि मोदी और ट्रम्प के पास भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाईयों तक ले जाने का अद्वितीय मौका है।
उन्होंने कहा था, "जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अभियान में कहा था, 'मोदी है तो मुमकिन है', मैं इस बात की संभावनाएं तलाश रहा हूं कि दोनों देशों के लोगों के बीच क्या-क्या मुमकिन है।"
उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष जयशंकर की भी प्रशंसा की थी।