आज मिलेंगे प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जानें पूरा कार्यक्रम और बड़ी बातें
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज भारत पहुंचेंगे।
दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत चेन्नई के महाबलिपुरम में होगी। इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
वैसे तो मोदी और जिनपिंग की बातचीत का कोई एजेंडा नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों नेता आतंकवाद, व्यापार, रक्षा और सीमा जैसे अहम मुद्दों पर बात कर सकते हैं।
इस दौरान किसी समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर नहीं किए जाएंगे।
कार्यक्रम
तमिलनाडु के राज्यपाल और मुख्यमंत्री करेंगे एयरपोर्ट पर जिनपिंग का स्वागत
जिनपिंग दोपहर करीब 2 बजे चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे, जहां तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी उनका स्वागत करेंगे।
शाम करीब 4 बजे जिनपिंग चेन्नई से महाबलिपुरम के लिए रवाना होंगे, जहां अनौपचारिक शिखर सम्मेलन होना है।
इस बीच प्रधानमंत्री मोदी हेलीकॉप्टर से चेन्नई के रास्ते 1-2 बजे महाबलिपुरम पहुंचेंगे।
इसके बाद दोनों नेता साथ में इलाके के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
जानकारी
कल महाबलिपुरम के रिसॉर्ट में होगी अनौपचारिक बातचीत
शाम 06:45-08:00 बजे प्रधानमंत्री मोदी जिनपिंग के लिए डिनर का आयोजन करेंगे और इसके साथ दिन का अंत होगा। दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत कल 'ताज फिशरमैन्स कॉब रिसॉर्ट एंड स्पा' में होगी। इसके बाद 2 बजे जिनपिंग नेपाल के लिए रवाना हो जाएंगे।
सुरक्षा
इलाके में दस हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात
बैठक के लिए चेन्नई और महाबलिपुरम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
इलाके में दस हजार से अधिक जवानों की तैनाती की गई है, जिसमें से 5,000 से अधिक केवल महाबलिपुरम में होंगे।
इसके अलावा भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने भी अपने युद्धपोतों को महाबलिपुरम से थोड़ी दूरी पर तैनात किया हुआ है।
इलाके में 800 से अधिक CCTV कैमरे भी लगाए गए हैं और पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है।
संबंध
महाबलिपुरम का चीन से पुराना नाता
बता दें कि महाबलिपुरम के कई ऐतिहासिक स्थल UNESCO की विश्व धरोहरों में शामिल हैं और इसका चीन से पुराना नाता है।
महाबलिपुरम चीन के प्राचीन रेशम मार्ग (सिल्क रूट) का हिस्सा था और व्यापार का एक बड़ा केंद्र था।
छठवीं और सातवीं सदी में पल्लव वंश ने महाबलिपुरम का निर्माण किया था।
महाबलिपुरम बौद्ध धर्म का भी एक बड़ा केंद्र रहा है और प्राचीन काल में यहां बौद्ध मठों की भरमार थी।
कश्मीर विवाद
भारत आने से पहले जिनपिंग ने दिया कश्मीर पर पाकिस्तान के समर्थन में बयान
गौरतलब है कि अपने भारत दौरे से पहले बुधवार को जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात की थी।
इमरान के साथ बैठक में जिनपिंग ने कहा था कि कश्मीर की स्थिति पर उनकी नजर है और विवाद में चीन पाकिस्तान के साथ है।
जिनपिंग के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने उसके आतंरिक मामलों में अन्य देशों की दखलअंदाजी पर सख्त आपत्ति जताई थी।
भारत-चीन संबंध
भारत और चीन को बैठक से बड़ी उम्मीदें
हालांकि, कश्मीर पर जिनपिंग के बयान का मोदी और उनके बीच होने वाली अनौपचारिक बातचीत पर कोई असर पड़ेगा, इसकी संभावना बेहद कम है।
संभव है कि बैठक में जम्मू-कश्मीर पर चर्चा ही न हो, लेकिन अगर जिनपिंग कश्मीर का मुद्दा उठाते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी उनसे मामले पर भारत का रुख साफ करेंगे।
इस बीच भारत और चीन को उम्मीद है कि दोनों नेताओं की बैठक भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम करेगी।