भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहा अमेरिका- ब्लिंकन
क्या है खबर?
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि अमेरिका भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहा है।
उन्होंने ये बात अमेरिकी रक्षा मंत्री ल्यॉड ऑस्टिन, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही।
दोनों देशों के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री 2+2 स्तर की वार्ता के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।
बयान
ब्लिंकन ने क्या कहा?
ब्लिंकन ने अपने बयान में कहा, "हम नियमित तौर पर अपने भारतीय सहयोगियों के साथ इन साझा मूल्यों (मानवाधिकार) पर चर्चा करते हैं और इस दिशा में हम सरकारी, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के बढ़ते मामलों समेत भारत में कुछ हालिया चिंतनीय घटनाक्रमों पर नजर रख रहे हैं।"
ब्लिंकन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनाथ और जयशंकर भी बोले, लेकिन उन्होंने ब्लिंकन के इस बयान पर कुछ नहीं कहा।
यूक्रेन युद्ध
बैठक में यूक्रेन-युद्ध पर भी हुई चर्चा
भारत और अमेरिका की इस 2+2 वार्ता में मुख्य तौर पर यू्क्रेन-रूस युद्ध पर चर्चा हुई।
भारत के रूस से तेल खरीदने के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि यूरोप को भी देखे जाने की जरूरत है और भारत जितना तेल एक महीने में खरीदता है, यूरोप उतना तेल एक दोपहर में ही खरीद लेता है।
वहीं ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि उसके सहयोगी रूस से अपनी ऊर्जा खरीदन न बढ़ाएं।
वर्चुअल सम्मेलन
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच वर्चुअल सम्मेलन
सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच वर्चुअल सम्मेलन भी हुआ। व्हाइट हाउस के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच बातचीत सकारात्मक रही और सम्मेलन में दोनों नेताओं ने खुलकर अपने विचार रखे।
यूक्रेन युद्ध पर भारत पर एक पक्ष चुनने के लिए दबाव बनाने के सवाल पर व्हाइट हाउस ने कहा कि भारत अपने फैसले खुद लेगा और रूस से तेल खरीद कर वह किसी पाबंदी का उल्लंघन नहीं कर रहा है।
भारत का पक्ष
प्रधानमंत्री मोदी ने की यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों के बीच सीधी बातचीत की सिफारिश
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर से यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों के बीच सीधी बातचीत की सिफारिश की।
उन्होंने बाइडन को यूक्रेन के बूचा में नागरिकों की हत्या के खिलाफ भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और निष्पक्ष जांच की मांग के बारे में याद दिलाया।
व्हाइट हाउस ने भी भारत के इस कड़े बयान को नोट किया। उसने कहा कि भारत अपने फैसले खुद लेगा, लेकिन अमेरिका उसके साथ चर्चा करता रहेगा।