
लद्दाख का मामला पेचीदा, सैन्य अधिकारियों की बातचीत में हुई थोड़ी प्रगति- जयशंकर
क्या है खबर?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन पिछले साल से चले आ रहे तनाव को सुलझाने के लिए नौ दौर की बातचीत कर चुके हैं। यह पेचीदा मामला है और सैन्य अधिकारी इस पर बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी गतिरोध का हल नहीं निकला है तो बातचीत जारी रहेगी।
उन्होंने यह भी कहा भारत ने पूर्वी लद्दाख में चुनौतियों से निपटने के लिए भारी संख्या में सैन्यबलों की तैनाती की है।
पृष्ठभूमि
पिछले साल अप्रैल से जारी है भारत और चीन के बीच तनाव
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच अप्रैल से LAC पर तनाव बना हुआ है और अभी चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं।
इनमें देपसांग, गोगरा, पैंगोंग झील का फिंगर्स एरिया और चुशूल सब-सेक्टर शामिल हैं।
पहले तीन इलाकों में चीन ने LAC पार करके भारतीय इलाके पर कब्जा कर रखा है।
अभी दोनों देशों के लगभग 60,000-60,000 सैनिक LAC पर तैनात हैं और कुछ जगह उनके बीच मात्र कुछ सौ मीटर का फासला है।
सीमा विवाद
हल निकालने के लिए हो चुकी हैं कई उच्च स्तरीय बैठक
जून में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया था।
उसके बाद एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी चीनी समकक्षों से बातचीत की थी।
दूसरी तरफ लगातार सैन्य अधिकारियों के बीच भी बातचीत जारी है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक तनाव का हल निकलता नहीं दिख रहा है। दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर भी बातचीत हो चुकी है।
बयान
पेचीदा मामला, सैन्य अधिकारी कर रहे बातचीत- जयशंकर
जब जयशंकर से पूछा गया कि क्या मामले का हल निकालने के लिए फिर से मंत्री स्तर की बातचीत होगी तो उन्होंने कहा, "यह बहुत पेचीदा मामला है और क्योंकि यह सेना पर निर्भर करता है तो आपको भौगोलिक स्थिति और वहां क्या चल रहा है, इसका पता होना चाहिए। यह बातचीत सेना के कमांडरों द्वारा की जा रही है।"
उन्होंने आगे कहा कि अभी तक सैन्य अधिकारी बात करते आए हैं और इस दिशा में थोड़ी प्रगति हुई है।
बयान
बातचीत में थोड़ी प्रगति, लेकिन जमीन पर असर नहीं- जयशंकर
जयशंकर ने आगे कहा कि अभी तक दोनों देश बातचीत में थोड़ा आगे बढ़े हैं, लेकिन यह प्रगति ऐसी नहीं है कि इसका कुछ असर जमीन पर नजर आए। बता दें, दोनों देशों के बीच जनवरी अंत में आखिरी बार बातचीत हुई थी।
बयान
रक्षा मंत्री भी कह चुके हैं बातचीत के जरिये हल निकालने की बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पिछले महीने बातचीत के जरिये दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध का हल निकालने की बात कह चुके हैं।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ऐसे मामलों में समाधान की समयसीमा तय नहीं होती। आप कोई तारीख तय नहीं कर सकते, लेकिन पूरा भरोसा है कि बातचीत के जरिये हल निकल आएगा।
उस वक्त उन्होंने यह भी कहा था कि चीन के हटाने से पहले भारत सीमा से अपनी सेना को पीछे नहीं करेगा।