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    अमेरिका ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, किसान आंदोलन पर बोला- शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र की पहचान

    अमेरिका ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, किसान आंदोलन पर बोला- शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र की पहचान
    लेखन मुकुल तोमर
    Feb 04, 2021, 10:53 am 1 मिनट में पढ़ें
    अमेरिका ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, किसान आंदोलन पर बोला- शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र की पहचान

    कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की टिप्पणियों के बीच अमेरिका ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन कानूनों से भारतीय बाजार की कार्यक्षमता में सुधार होगा और ज्यादा निजी निवेश आएगा। इस बीच विदेश मंत्रालय ने किसानों के विरोध करने के अधिकार का भी समर्थन किया और कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन एक संपन्न लोकतंत्र की पहचान हैं।

    अमेरिका ने क्या कहा?

    बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत में हो रहे किसान आंदोलन से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "सामान्य तौर पर अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारतीय बाजारों की कार्यक्षमता को बढ़ाएंगे और ज्यादा निजी निवेश आकर्षित करेंगे।" आंदोलन पर उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन एक संपन्न लोकतंत्र की पहचान हैं और ध्यान दीजिए कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है।"

    किसान आंदोलन के समर्थन में आई हैं कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियां

    कृषि कानूनों के समर्थन में अमेरिका का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब पॉप सिंगर रिहाना और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के किसान आंदोलन पर ट्वीट करने के बाद ये मुद्दा अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में छाया हुआ है। रिहाना ने मामले पर सबसे पहले ट्वीट किया था और किसान आंदोलन के कारण इंटरनेट बंद किए जाने की खबर को शेयर करते हुए कहा था कि इसके बारे में कोई बात क्यों नहीं कर रहा।

    भारतीय विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की टिप्पणियों को बताया था गैर-जिम्मेदाराना

    अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के इन ट्वीट्स पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व अपना एजेंडा थोपकर कृषि सुधारों को पटरी से उतारना चाहते हैं। मंत्रालय ने कहा कि सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स के जरिए लुभाने का तरीका, खासकर मशहूर हस्तियों द्वारा, न तो सही है और न ही जिम्मेदारीपूर्ण है। उसने कहा कहा कि ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी से पहले उनके बारे में पूरी तरह समझ लेना जरूरी है।

    भारतीय हस्तियों और मंत्रियों ने किए जवाबी ट्वीट, बोले- भारत एकजुट

    विदेश मंत्रालय के इस जवाब के अलावा कई भारतीय हस्तियों और केंद्रीय मंत्रियों ने भी मामले पर ट्वीट करते हुए भारत को बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ एकजुट बताया था। ट्वीट करने वाली हस्तियों में सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे क्रिकेटर्स और अक्षय कुमार और अजय देवगन जैसे बॉलीवुड सुपरस्टार शामिल थे। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई मंत्रियों ने भी ट्वीट करते हुए भारत को बाहरी प्रोपगैंडा के खिलाफ एकजुट बताया था।

    क्या है कृषि कानूनों का पूरा मुद्दा?

    मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।

    अभी क्या स्थिति?

    सुप्रीम कोर्ट इन तीनों कानूनों के अमल पर अस्थायी रोक लगा चुका है। दूसरी तरफ सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद गतिरोध का हल नहीं निकल सका है। सरकार संशोधन को तैयार है, लेकिन किसान कानून रद्द कराने की मांग पर अड़े हैं। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर ट्रैक्टर परेड निकाली थी जिसमें जमकर हिंसा हुई। अब किसानों ने 6 फरवरी को तीन घंटे तक देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया है।

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