G-7 शिखर सम्मेलन: गरीब देशों पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोप गलत- मोदी
क्या है खबर?
G-7 शिखर सम्मेलन भाग लेने के लिए जर्मनी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को श्लॉस एल्मौ के अल्पाइन केस्टल में जलवायु, ऊर्जा और स्वास्थ्य पर आयोजित एक सत्र को संबोधित किया।
इसमें उन्होंने कहा कि यह एक भ्रांति है कि गरीब देश पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन भारत का 1,000 सालों से अधिक का इतिहास इस दृष्टिकोण का खंडन करता है।
इस दौरान उन्होंने वैश्विक भलाई के लिए भारत के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
दावा
भारत ने पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में नहीं आने दी कमी- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने गृह समर्थक बनने और बेहतर भविष्य में निवेश के लिए भारत की ओर से हरित विकास, स्वच्छ ऊर्जा, स्थायी जीवन शैली और वैश्विक भलाई में किए गए प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में कभी भी कमी नहीं आने दी है।
उन्होंने कहा कि भारत ने सदियों की गुलामी भी सहन की है, लेकिन अब स्वतंत्र भारत दुनिया की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
कार्बन
"कार्बन उत्सर्जन में हमारा सिर्फ पांच प्रतिशत योगदान"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत में विश्व की 17 प्रतिशत आबादी रहती है, लेकिन वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में हमारा योगदान सिर्फ पांच प्रतिशत का ही है। इसका मुख्य कारण हमारी जीवन शैली है।"
उन्होंने कहा, "ऊर्जा पर अमीरों का ही विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए। इस पर सबका बराबर का हक है। हमने भारत में घर-घर में LED बल्ब और रसाई गैस पहुंचाई है। इससे कई मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम किया है।"
प्रदर्शन
हमारी प्रतिबद्धता हमारे प्रदर्शन से ही स्पष्ट- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जलवायु के प्रति हमारी प्रतिबद्धता तो हमारे प्रदर्शन से ही स्पष्ट है। हमने 40 प्रतिशत ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य नौ साल पहले ही पा लिया था। इसके साथ ही पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल ब्लेंडिग का लक्ष्य हमने समय से पांच महीने पहले ही प्राप्त कर लिया।"
उन्होंने कहा, "भारत में दुनिया का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा है। इसी दशक में भारत का विशाल रेलवे सिस्टम नेट जीरो का लक्ष्य हासिल कर लेगा।"
मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने की अमेरिकी राष्ट्रपति सहित अन्य से मुलाकात
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात कर हाथ मिलाया। सभी नेता ग्रुप फोटो के लिए एकत्र हुए थे।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने G-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।
इससे पहले जर्मनी के म्यूनिख में रविवार को बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया था। उस
दौरान उन्होंने भारतीय नागरिकों को संबोधित भी किया था।
डाटा
क्या है G7?
G-7 समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है। इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था माने जाने वाले देशों का समूह है, जिसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी।