2025 की बड़ी राजनीतिक घटनाएं: व्लादिमीर पुतिन आएंगे भारत, कनाडा-बांग्लादेश समेत इन देशों में चुनाव
क्या है खबर?
साल 2025 शुरू हो चुका है। वैश्विक स्तर पर ये साल कई अहम राजनीतिक घटनाओं का गवाह बनने वाला है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आएंगे और कनाडा, बांग्लादेश और जर्मनी समेत कई देशों में चुनाव भी होंगे।
आइए इस साल होने वाली कुछ बड़ी राजनीतिक घटनाओं पर नजर डालते हैं।
अमेरिका
दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे ट्रंप
20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
अपनी विवादित नीतियों, अप्रत्याशित फैसलों और बयानबाजी की वजह से ट्रंप की वापसी से दुनियाभर में हलचल मचने की संभावना है। उन्होंने रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने की कसम खाई है।
वीजा और अवैध प्रवासन को लेकर उनकी नीतियों का असर भारत समेत कई देशों पर पड़ना तय है। ऐसे में उनके कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीने उथल-पुथल भरे रह सकते हैं।
पुतिन
भारत आएंगे व्लादिमीर पुतिन
2025 के शुरुआती कुछ महीनों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आएंगे। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ये उनका पहला भारत दौरा होगा।
इस यात्रा में रक्षा सहयोग, व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा पर चर्चा हो सकती है। भारत के लिए अमेरिका और रूस के साथ संतुलित साझेदारी के परिप्रेक्ष्य में ये यात्रा बेहद अहम होगी।
रूस पर पश्चिमी देशों के बढ़ते प्रतिबंध और चीन-अमेरिका नजरिए से भी यात्रा काफी अहम है।
बांग्लादेश
बांग्लादेश में आम चुनाव
इसी साल भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में आम चुनाव होना है। अगस्त, 2024 में हुए विद्रोह के बाद शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था और उन्होंने फिलहाल भारत में शरण ली हुई है।
हसीना के तख्तापलट के बाद ये पहले चुनाव हैं। इन चुनावों से बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य निर्धारित होगा। भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और बांग्लादेश की भौगोलिक स्थिति के चलते भारत की भी चुनावों पर नजर रहेगी।
कनाडा
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की अग्निपरीक्षा
कई चुनौतियों से जूझ रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए इस साल अग्निपरीक्षा होनी है। उनकी लिबरल पार्टी को कंजर्वेटिव पार्टियों से कड़ी टक्कर मिल रही है और ट्रुडो पर पद छोड़ने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है।
उनकी सरकार को स्पष्ट बहुमत नहीं है और सहयोगी भी ट्रूडो का साथ छोड़ते जा रहे हैं।
महंगाई, अप्रवासी और रोजगार के मुद्दे पर जनता भी ट्रूडो से नाराज बताई जा रही है।
जर्मनी
जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में भी चुनाव
23 फरवरी को होने वाले जर्मनी में संघीय चुनाव होंगे। खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से जूझ रहे जर्मनी के लिए ये चुनाव काफी अहम हैं। कुछ दिनों पहले चांसलर ओलाफ शोल्ज की सरकार के विश्वासमत हारने के बाद यहां समय से 7 महीने पहले चुनाव हो रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया में भी इस साल संघीय चुनाव होना हैं। चुनावों में प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज की लेबर सरकार को दूसरा कार्यकाल मिलने की उम्मीद है।
सिंगापुर में भी इस साल चुनाव प्रस्तावित हैं।