अमेरिकी सांसदों ने गूगल और ऐपल को टिक-टॉक को ऐप स्टोर से हटाने को कहा
भारतीय मूल के राजा कृष्णमूर्ति समेत 2 अमेरिकी सांसदों ने ऐपल और गूगल से अगले हफ्ते अपने ऐप स्टोर से टिक-टॉक हटाने के लिए कहा है। सांसद जॉन मूलेनार और कृष्णमूर्ति ने इसको लेकर ऐपल के CEO टिम कुक और गूगल CEO सुंदर पिचई को पत्र लिख 19 जनवरी तक प्लेस्टोर से टिक-टॉक को हटाने की तैयारी करने को कहा है। साथ ही टिक-टॉक के CEO शू जी च्यू को एक विनिवेश का प्रस्ताव देने के लिए पत्र लिखा है।
सांसद ने बैन के लिए तैयारी करने को लेकर क्या कहा?
सांसदों ने कुक और पिचाई से कहा, "हमने टिक-टॉक को एक पत्र भेजा। हमने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस ने कंपनी को कानून का पालन करने और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने वाले विनिवेश के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए पर्याप्त समय दिया है।" बता दें चीन के बाइटडांस को उसके स्वामित्व वाले टिक-टॉक को 19 जनवरी को अमेरिकी प्रतिबंधित करने के लिए अप्रैल में निर्वतमान राष्ट्रपति जो बाइडन सरकार ने एक विधेयक पास किया था।
ये देश कर चुके हैं टिक-टॉक बैन
अमेरिका से पहले टिक-टॉक को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए कई देशों ने पहले ही बैन कर दिया है। इस मामले में भारत सबसे ऊपर आता है, जिसने जून, 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टिक-टॉक के साथ 58 मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया था। इसके अलावा अफगानिस्तान, ईरान, इंडोनेशिया, किर्गीस्तान, ऑस्ट्रेलिया, रूस, यूनाइटेड किंगडम (UK), बेल्जियम, डेनमार्क, कनाडा, न्यूजीलैंड, ताइवान, माल्टा, फ्रांस, नॉर्वे और लातविया ने भी टिक-टॉक को बैन कर रखा है।