अमेरिका से निकाले जाएंगे 18,000 भारतीय? निर्वासित किए जाने वाले लोगों की सूची में आया नाम
अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वे अवैध प्रवासन को लेकर सख्त निर्णय लेंगे। अब उनके शपथ ग्रहण से पहले इसका असर भी दिखने लगा है। अमेरिका के आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने निर्वासन के लिए चिह्नित किए गए लगभग 15 लाख लोगों की सूची तैयार की है। इसमें करीब 18,000 भारतीय भी हैं। ऐसे में इन 18,000 भारतीयों पर अमेरिका से निकाले जाने का खतरा मंडरा रहा है।
अवैध प्रवासियों में भारतीय तीसरे नंबर पर
ICE द्वारा जारी पिछले महीने तक के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में अंतिम निष्कासन आदेश के साथ 15 लाख व्यक्तियों में 17,940 भारतीय शामिल हैं। बता दें कि अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध अप्रवासी भारतीय हैं। ये मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अनधिकृत अप्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। पिछले 3 सालों में औसतन 90,000 भारतीय अवैध रूप से अमेरिकी सीमा पार करने की कोशिश करते हुए पकड़े गए हैं।
एक साल में 519 भारतीय निर्वासित किए गए
भारत सरकार ने बताया है कि पिछले एक साल में कुल 519 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन आजाद ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2023 से अक्टूबर 2024 की अवधि के दौरान इन भारतीय नागरिकों को भारत निर्वासित किया गया। 22 अक्टूबर को एक चार्टर्ड विमान से कुछ भारतीय देश भेजे गए थे।
अवैध तरीके से घुसते हुए 40,000 भारतीय पकड़े गए
इस साल अमेरिका ने कनाडा की सीमा से अपने देश में घुसने की कोशिश करते हुए 1,98,929 लोगों को पकड़ा है, जिनमें 43,764 भारतीय हैं। ये कुल आंकड़े का 22 प्रतिशत है। 2022 में अवैध तरीके से अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ाए गए कुल लोगों में करीब 16 प्रतिशत भारतीय थे। 2023 में अमेरिका ने ऐसी कोशिश करते हुए 1.89 लाख लोगों को पकड़ा था, जिनमें 30,010 भारतीय थे।
अमेरिकी एजेंसी ने भारत को 'असहयोगी' करार दिया
ICE ने समन्वय में देरी के कारण भारत को 'असहयोगी' देश की श्रेणी में रखा है। ICE ने कहा कि वो वर्तमान में 15 देशों को असहयोगी मानता है। इनमें भारत, भूटान, बर्मा, क्यूबा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इरिट्रिया, इथियोपिया, हांगकांग, ईरान, लाओस, पाकिस्तान, चीन, रूस, सोमालिया और वेनेजुएला शामिल है। बता दें कि नागरिकों की वापसी को स्वीकार करने में सहयोग की कमी के कारण ICE उन देशों को असहयोगी के रूप में वर्गीकृत कर सकता है।