कोरोना: क्या ओमिक्रॉन और डेल्टा मिलकर नया सुपर वेरिएंट बना सकते हैं?
पहले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट और अब ओमिक्रॉन ने दुनिया के सामने बड़ी चुनौती पेश की है। डेल्टा वेरिएंट अब दुनिया के कई देशों में प्रमुखता से फैल रहा है। वहीं कई जगह डेल्टा को पछाड़कर ओमिक्रॉन प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बनने की तरफ बढ़ रहा है। इस सब के बीच यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या दोनों वेरिएंट मिलकर एक सुपर वेरिएंट बना सकते हैं? कुछ जानकार ऐसा होने की आशंका जता रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना के प्रमुख मेडिकल अधिकारी डॉ पॉल बर्टन ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति एक साथ डेल्टा वेरिएंट और ओमिक्रॉन से संक्रमित होता है तो एक नया सुपर वेरिएंट सामने आ सकता है। यूनाइटेड किंगडम (UK) की संसद की विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति के सामने पेश होते हुए उन्होंने बताया कि कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में दोनों वायरसों को एक साथ रहने का मौका मिल सकता है। इस संबंध में पेपर भी प्रकाशित हो चुके हैं।
हालात बिगाड़ सकता है सुपर वेरिएंट- बर्टन
डॉ बर्टन ने कहा कि UK में डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों ही वेरिएंट फैल रहे हैं और इससे नया सुपर वेरिएंट बनने की आशंका को और बल मिलता है। उन्होंने सांसदों ने बताया कि दो वेरिएंट के मिलने से एक सुपर वेरिएंट बनने की आशंका बहुत कम है, लेकिन अगर स्थितियां उनके अनुकूल होती हैं तो ऐसा हो सकता है। अगर कोई सुपर वेरिएंट आता है तो स्थिति पर काबू पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
दूसरे विशेषज्ञ भी व्यक्त कर चुके आशंका
न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के साथ जुड़े वायरलॉजिस्ट पीटर व्हाइट ने भी अपने एक इंटरव्यू में सुपर स्ट्रेन की आशंका व्यक्त की थी। कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद अलग-अलग वेरिएंट्स के मिलने की घटनाएं सामने आ चुकी है। ऐसी ही एक घटना में ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने बताया था कि इस साल जनवरी में अल्फा वेरिएंट स्पेन में मिले B.1.177 स्ट्रेन के साथ मिल गया था। इसी तरह केंट स्ट्रेन को B.1.429 के साथ मिला हुआ पाया गया था।
स्थिति पर नजर रख रहे वैज्ञानिक
अभी तक दो वेरिएंट के मिलकर एक वेरिएंट बनाने की घटना के कारण कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर बहुत असर नहीं पड़ा है, लेकिन ओमिक्रॉन की संक्रामकता और डेल्टा की घातकता को देखते वैज्ञानिक इन पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
ओमिक्रॉन को खतरनाक क्यों माना जा रहा है?
पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पकड़ में आए ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके है।
डेल्टा ने भारत में मचाई थी तबाही
कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट ने इस साल अप्रैल और मई में भारत में भारी तबाही मचाई थी और दैनिक मामलों की संख्या चार लाख हो गई थी। मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि अस्पतालों में बिस्तर और मेडिकल ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। कई मरीजों को अस्पताल में बिस्तर तो कईयों को ऑक्सीजन न मिलने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी। बाद में यह वेरिएंट कई देशों में फैल गया था।