सरकारी पैनल ने जताई डेल्टा प्लस के डेल्टा वेरिएंट से अधिक संक्रामक नहीं होने की संभावना
क्या है खबर?
कोरोना वायरस सैंपलों की जिनोम सीक्वेंसिंग करने वाले एक सरकारी पैनल ने कहा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के डेल्टा वेरिएंट से अधिक संक्रामक होने की संभावना न के बराबर है।
इंडियन SARS-CoV-2 जिनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने बताया कि भारत के जून के सैपलों में डेल्टा वेरिएंट के वंशज AY.1 (डेल्टा प्लस) और AY.2 की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम रही।
इसके अलावा जिन देशों में डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला है, वहां भी इसके मामले कम हो गए हैं।
बयान
वैश्विक स्तर पर गिर रहे AY.1 और AY.2 के मामले- INSACOG
INSACOG ने अपने एक बयान में कहा, "डेल्टा वेरिएंट के वंशज AY.1 और AY.2 के मामले वैश्विक स्तर पर गिर रहे हैं और जून के अंतिम हफ्ते में यूनाइटेड किंगडम (UK) और अमेरिका में लगभग जीरो मामले सामने आए। भारत में भी जून में उपलब्ध सीक्वेंस में उनकी हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से कम रही।"
इन आंकड़ों के आधार पर INSACOG ने कहा, "ये संभव है कि AY.1 और AY.2 दोनों डेल्टा वेरिएंट से अधिक संक्रामक नहीं हैं।"
बयान
"डेल्टा प्लस के क्लस्टर्स में मामले बढ़ने का ट्रेंड नहीं"
INSACOG ने यह भी बताया कि भारत में जिन चार जगहों पर डेल्टा प्लस के क्लस्टर पाए गए हैं, वहां मामलों के बढ़ने का ट्रेंड नहीं देखा गया है। इनमें महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव, मध्य प्रदेश का भोपाल और तमिलनाडु का चेन्नई शामिल हैं।
वेरिएंट
डेल्टा का एक और वंशज वेरिएंट मिला
INSACOG ने बताया कि डेल्टा वेरिएंट के तीसरे वंशज AY.3 की भी पहचान हुई है और इसमें S: K417 म्यूटेशन के अलावा डेल्टा प्लस के बाकी सभी म्यूटेशन मौजूद हैं।
ये मुख्य तौर पर अमेरिका में पाया गया है और भारत और UK में इसके चुनिंदा मामले हैं।
INSACOG ने कहा कि इस वेरिएंट में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखने को मिला है, हालांकि क्योंकि ये डेल्टा का वंशज है, इसलिए इस पर नजर रखी जा रही है।
अन्य वेरिएंट्स
देश में डेल्टा सबसे प्रमुख वेरिएंट, अल्फा और बीटा के मामले कम
अन्य वेरिएंट्स की बात करें तो भारत में डेल्टा वेरिएंट सबसे प्रमुख वेरिएंट बना हुआ है। यही वेरिएंट देश में आई बेहद भीषण दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था।
पहली बार UK में पाए गए अल्फा वेरिएंट (B.1.1.7) के भी भारत और दुनियाभर में मामले घट गए हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीका में पाए गए बीटा वेरिएंट (B.1.351) के भी भारत में बहुत कम मामले हैं।
ब्राजील के गामा और पेरू के लैम्ब्डा वेरिएंट का भारत में कोई मामला नहीं है।
डेल्टा प्लस
क्या है डेल्टा प्लस वेरिएंट?
सबसे पहले भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) में अब एक और म्यूटेशन हुआ है। इस म्यूटेशन के साथ इसे 'डेल्टा प्लस' या 'AY.1' वेरिएंट के नाम से जाना जा रहा है।
डेल्टा वेरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में K417N म्यूटेशन होने के बाद यह डेल्टा प्लस वेरिएंट बना है। यह वेरिएंट अभी तक भारत समेत 10 देशों में पाया जा चुका है।
यह एंटीबॉडी कॉकटेल से मिली सुरक्षा को चकमा देने में भी कामयाब हो रहा है।
कोरोना का कहर
देश में महामारी की क्या स्थिति?
देश में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 41,806 नए मामले सामने आए और 581 मरीजों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,09,87,80 हो गई है। इनमें से 4,11,989 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सक्रिय मामलों की संख्या मामूली बढ़कर 4,32,041 हो गई है।
पिछले कुछ हफ्तों से देश में हालात सुधर रहे हैं और कोरोना मामलों में गिरावट दर्ज हो रही है।