जानिए कोरोना वायरस के डेल्टा, डेल्टा प्लस, कप्पा और लैम्ब्डा वेरिएंट के बारे में सबकुछ
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर थमती जा रही है, लेकिन हाल ही में सामने आए वायरस के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा प्लस वेरिएंट ने तीसरी लहर की संभावनों को बढ़ा दिया है। इस बीच, भारत में पहचाने जाने वाले वायरस के विभिन्न वेरिएंटों ने भी भय और चिंता पैदा कर दी है। डेल्टा प्लस के अलावा, डेल्टा, B.1.617.3, B.11.318, कप्पा और लैम्ब्डा वेरिएंट ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। यहां जानते हैं इन वेरिएंटों के बारे में सबकुछ।
डेल्टा वेरिएंट के कारण भारत में बढ़े थे संक्रमण और मौत के मामले
सबसे पहले भारत में पाया गया डेल्टा (B.1.617.2) वेरिएंट अधिक संक्रामक होने के साथ लोगों को गंभीर स्थिति में पहुंचाने का कारण रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसने भारत की महामारी की दूसरी लहर को विशानकारी स्तर पर पहुंचा दिया था। इसके कारण प्रतिदिन लाखों लोग संक्रमित हुए और हजारों की मौत हुई। एक नए अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में काम आ रही वैक्सीन वायरस के शुरुआती वेरिएंट की तुलना में डेल्टा पर आठ गुना कम प्रभावी है।
डेल्टा के म्यूटेशन के बाद सामने आया डेल्टा प्लस वेरिएंट
भारत में महामारी की दूसरी लहर के बाद सामने आया अत्यधिक संक्रामक डेल्टा प्लस वेरिएंट AY.1 या B.1.617.2.1) डेल्टा के म्यूटेशन से ही बना है। भारत में अब तक इस वेरिएंट से सैकड़ों लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है। अकेले त्रिपुरा में 138 लोगों को इस खतरनाक वेरिएंट से संक्रमित पाया जा चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस का यह वेरिएंट विभिन्न वैक्सीन और पुराने वेरिएंटों के खिलाफ बनी एंटीबॉडी से भी बच सकता है।
वायरस का डबल म्यूटेंट हैं कप्पा वेरिएंट
दुनिया में कप्पा (B.1.617.1) वेरिएंट भी सामने आया है। इसे SARS-CoV-2 के डबल म्यूटेंट के रूप में जाना जाता है। यह EE484Q और L452R के म्यूटेशन से बना है।उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को इसके दो मामले सामने आए हैं। हालांकि, यह नया नहीं है। यह पहली बार अक्टूबर 2020 में भारत में पाया गया था और डेल्टा संस्करण के समान वंश से संबंधित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में वर्गीकृत किया है।
30 देशों में सामने आ चुके हैं लैम्ब्डा वेरिएंट के मामले
लैम्ब्डा (C.37) वेरिएंट ने भी विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। भारत में अभी इसका कोई मामला सामने नहीं आया है। जिसका अभी तक भारत में पता नहीं चला है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट' के रूप में चिह्नित किया गया है। यह पिछले साल पहली बार पेरू में मिला था और अब तक ब्रिटेन सहित 30 देशों में फैल चुका है। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को इस वेरिएंट पर कड़ी नजर रखने की बात कही है।
कोरोना वायरस के B.11.318 और B.1.617.3 वेरिएंट
भारत में पहली बार पाए गए B.1.617 वंश का B1.617.3 नया वेरिएंट है। यह डेल्टा वेरिएंट के ही परिवार से है। हालांकि, इसे रुचि या चिंता के प्रकार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। इसके बाद देश में B.11.318 वैरिएंट है। इस वेरिएंट में 14 म्यूटेशन हैं, जिसमें कप्पा वैरिएंट के समान E484K स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन है। अब तक भारत ने B.11.318 वेरिएंट की दो जीनोम सीक्वेंसिंग की सूचना दी गई है।