'कोवैक्सिन' को 24 घंटे के भीतर मिल सकती है आपात इस्तेमाल की मंजूरी- WHO प्रवक्ता
कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की गई वैक्सीन 'कोवैक्सिन' को वैश्विक स्तर पर आपात इस्तेमाल की सूची में शामिल कराने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी हासिल करने में लगी हैदराबाद की भारत बायोटक कंपनी के लिए राहत की खबर है। WHO की एक तकनीकी समिति 24 घंटे के भीतर वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश कर सकती है। WHO की प्रवक्ता मार्गेट हैरिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी है।
भारतय बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर तैयार की है कोवैक्सिन
बता दें कि भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सिन को विकसित किया है और यह पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है। इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है। इसके लिए ICMR ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था, जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की। भारत के अलावा ब्राजील जैसे कुछ देशों ने भी इसकी खुराकें मांगी हैं।
भारत बायोटेक ने मई में किया था WHO में आवेदन
भारत सरकार ने कोवैक्सिन को जनवरी में आपात इस्तेमाल की मंजूरी देते हुए कंपनी को इसके तीसरे चरण का ट्रायल जल्दू पूरा करने के निर्देश दिए थे। उसके बाद से भारत में तो इसका इस्तेमाल शुरू हो गया था, लेकिन उसे WHO की मंजूरी नहीं मिली थी। इसको देखते हुए कंपनी ने मई के तीसरे सप्ताह में तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के आधार पर वैश्विक स्तर पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए WHO में आवेदन किया था।
महामारी के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी रही है वैक्सीन
भारत बायोटेक की ओर से 3 जुलाई को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि कोवैक्सीन महामारी के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत, हल्के और मध्यम लक्षणों के खिलाफ 78 प्रतिशत, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65 प्रतिशत और बिना लक्षणों वाले मरीजों पर 63 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है। कंपनी ने देशभर के 25 अस्पतालों में 18-98 साल के 25,800 वॉलेंटियर्स पर वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किया था।
पहले सितंबर के अंत तक मंजूरी मिलने की जताई गई थी संभावना
इससे पहले 9 जुलाई को WHO की मुख्य वैज्ञानिक स्वामीनाथन ने कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा अच्छा बताते हुए कहा था कि वैक्सीन को अगस्त के अंत तक मंजूरी मिलने की संभावना है। इसके बाद 14 सितंबर को नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा था कि वैक्सीन की समीक्षा हो रही है और सितंबर के अंत तक इसे मंजूरी मिल सकती है, लेकिन उसके बाद WHO के तकनीकी जानकारी मांगने से मंजूरी अटक गई।
WHO की तकनीकी समिति 24 घंटे में कर सकती है मंजूरी की सिफारिश- हैरिस
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, जेनेवा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हैरिस ने कहा, "अगर सबकुछ अपनी जगह पर रहा और सभी कुछ ठीक रहा तथा कमेटी अगर संतुष्ट हो गई तब हम अगले 24 घंटों में इस वैक्सीन की आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे सकते हैं।" उन्होंने कहा, "तकनीकी सलाहकार समूह इस समय भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के आंकड़ों की समीक्षा कर रहा है और जल्द ही इस पर अपना निर्णय दे सकता है।"
मंजूरी के बिना विदेश यात्रा करने में असमर्थ हैं कई लोग
भारत में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में कोवैक्सिन का उपयोग हो रहा है, लेकिन WHO से मंजूरी नहीं मिलने के कारण कई देश इसे मान्यता नहीं दे रहे हैं। ऐसे में इस वैक्सीन की खुराक लेने वाले अधिकतर लोग चाहकर भी विदेश यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। गत दिनों WHO के कार्यकारी निदेशक डॉ माइक रेयान ने कहा कि वैक्सीन के जांच में लंबा समय लग सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना जरुरी है कि वह सुरक्षित है।