भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट के 21 मामले, रविवार को जयपुर, पुणे और दिल्ली में मिले मरीज
भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कुल मामलों की संख्या 21 हो गई है। रविवार को दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान में इसके मरीज पाए गए थे। इससे पहले कर्नाटक और गुजरात में भी कोरोना वायरस के इस नए स्ट्रेन के मामले सामने आ चुके हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक शादी समारोह में शामिल हुए नौ लोगों में ओमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया है। इनमें से चार कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे।
दक्षिण अफ्रीका से आए लोग अस्पताल में भर्ती
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से आए चारों लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है, जबकि बाकी संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। इनमें कोई लक्षण नजर नहीं आ रहा है और सभी लोगों की सेहत ठीक बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने विवाह समारोह में शामिल हुए 34 लोगों के सैंपल लिए थे। जीनोम सीक्वेंसिंग में नौ लोग संक्रमित पाए गए और 25 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
पुणे में एक परिवार के छह समेत सात लोग संक्रमित मिले
पुणे में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कुल सात मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से छह लोग एक ही परिवार के हैं, जो 24 नवंबर को नाइजीरिया से भारत लौटे थे। इन संक्रमितों में एक 44 वर्षीय महिला और उसकी 12 और 18 वर्षीय बेटियां भी शामिल हैं। महिला के 45 वर्षीय भाई और उसकी दो छोटी बेटियों में भी ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। इनमें से सभी व्यस्कों को वैक्सीन की दोनों खुराकें लगी हुई हैं।
अधिकतर संक्रमितों में कोई लक्षण नहीं
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि केवल महिला में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं और सभी संक्रमितों की सेहत ठीक बनी हुई है। इन्हें पिंपरी-चिंचवाड़ के जीजामाता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुणे में इस परिवार के छह लोगों के अलावा एक 47 वर्षीय अन्य व्यक्ति भी ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया है। फिनलैंड से लौटने के बाद उसे ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया है। संक्रमित व्यक्ति को कोविशील्ड की दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
दिल्ली में भी सामने आया मामले
ओमिक्रॉन वेरिएंट राजधानी दिल्ली भी पहुंच गया है। यहां तंजानिया से लौटे एक भारतीय शख्स को ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया है। यह भारत में ओमिक्रॉन का पांचवा मामला है। देश में सबसे पहले गुरूवार को कर्नाटक में एक विदेशी नागरिक समेत दो लोगों को ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया था। शनिवार को मुंबई में दक्षिण अफ्रीका और गुजरात के जामनगर में जिम्बावे से लौटे एक-एक शख्स में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई थी।
46 देशों में पाया गया ओमिक्रॉन
सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनिया के 46 देशों में पहुंच चुका है और 943 लोगों को इससे संक्रमित पाया जा चुका है। देशों द्वारा विदेशी यात्रियों की कड़ी मॉनिटरिंग के बावजूद इसका प्रसार लगातार बढ़ रहा है।
खतरनाक क्यों माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत कई देशों में मिल चुके ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं
देश में पहले से ही मौजूद हो सकता है ओमिक्रॉन वेरिएंट- विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन केवल विदेशों के जरिए भारत में नहीं आ रहा, बल्कि पहले से ही देश में मौजूद हो सकता है। हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी (CCMB) के प्रमुख डॉ राकेश मिश्रा ने कहा कि बिना अंतरराष्ट्रीय यात्रा के इतिहास वाले शख्स का ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया जाना दिखाता है कि ये वेरिएंट पहले से ही देश में फैल रहा है। उनका इशारा बेंगलुरू में संक्रमित पाए गए डॉक्टर की तरफ था।