NATO का दावा- यूक्रेन युद्ध में मारे गए 7,000 से 15,000 रूसी सैनिक
नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) ने कहा है कि यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस के अब तक 7,000 से 15,000 सैनिक मारे जा चुके हैं। ये आंकड़ा कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक दशक के पूरे अफगानिस्तान युद्ध में रूस के लगभग 15,000 सैनिक मारे गए थे। अगर NATO का आंकड़ा सही है तो यूक्रेन में एक महीने में ही रूस को अफगानिस्तान युद्ध जितना नुकसान हो गया है।
यूक्रेन, रूस और सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर NATO ने लगाया अनुमान
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) के अनुसार, NATO के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि रूस के मृतक सैनिकों को लेकर उसका आंकड़ा यूक्रेन से मिली जानकारी, रूस द्वारा जारी की गई सूचनाओं और सूत्रों से मिली जानकारी पर आधारित है। यूक्रेन भी मौजूदा युद्ध में रूस के अफगानिस्तान युद्ध से ज्यादा सैनिक मारे जाने का दावा कर चुका है। रूस ने 2 मार्च को अपने 498 सैनिक मारे जाने की बात कही थी।
यू्क्रेन के कितने सैनिक मारे गए हैं?
यूक्रेन ने हालिया समय में अपने नुकसान को लेकर कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है, लेकिन 12 मार्च को उसने अपने लगभग 1,300 सैनिक मारे जाने की बात कही थी। वहीं रूस ने 2 मार्च के अपने बयान में दावा किया था कि यूक्रेन के 2,870 सैनिक मारे जा चुके हैं और 3,700 से अधिक घायल हुए हैं। एक हफ्ते पहले अमेरिका ने 2,000 से 4,000 यूक्रेनी सैनिक मारे जाने का अनुमान लगाया है।
आज रूस-यूक्रेन युद्ध को हुआ एक महीना
आज रूस-यूक्रेन युद्ध को एक महीना हो गया है और रूस अभी तक कोई भी बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाया है। राजधानी कीव के आसपास रुसी सेना तीन तरफ से घिर गई है और आगे नहीं बढ़ पा रही है। मारियुपोल पर उसके हमले लगातार जारी हैं और शहर खंडहर में तब्दील हो चुका है। रूस ने उसके अस्तित्व पर खतरा होने पर परमाणु बम इस्तेमाल करने की धमकी भी दी है। अमेरिका इसके लिए तैयार कर रहा है।
चार दिवसीय दौरे पर यूरोप पहुंचे बाइडन, कई अहम बैठक करेंगे
अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन मामले पर अपने यूरोपीय सहयोगियों से चर्चा के लिए बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स आए हुए हैं। बाइडन चार दिन के यूरोप दौरे पर हैं और इस दौरान वह NATO, यूरोपीय संघ (EU) और G-7 के सहयोगी देशों से चर्चा करेंगे। उनका मुख्य जोर रूस के खिलाफ कार्रवाई और यूक्रेन की मदद पर रहने की उम्मीद है। अपने दौरे के दौरान वह पोलैंड भी जाएंगे जिसकी सीमा यूक्रेन से मिलती है।
जेलेंस्की बोले- जल्द पता चल जाएगा कौन दोस्त और कौन दुश्मन
बाइडन के इस दौरे के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने NATO और पश्चिमी देशों से यूक्रेन को और मदद देने को कहा है जिनमें हथियार भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन के सहयोगियों को युद्ध में हस्तक्षेप करने से रोकने के लिए अपनी आर्थिक ताकत का इस्तेमाल कर रहा है और बहुत जल्द पता चल जाएगा कि कौन यूक्रेन का दोस्त है और कौन पैसों के लिए उन्हें धोखा दे सकता है।