प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की से बात की, भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर जोर दिया
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से फोन पर वार्ता की। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के महत्व पर जोर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा करते हुए बिगड़े हालातों के स्थायी समाधान के लिए सीधी बाचतीत का सुझाव दिया।
वर्तमान में सुमी में फंसे हुए हैं 700 से अधिक भारतीय
दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब भारत अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के प्रयास में जुटा है और यूक्रेन के सुमी शहर में 700 से अधिक भारतीय फंसे हुए हैं। सुमी में वर्तमान में हालात बेहद खराब है और छात्र सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर सरकार से उन्हें बचाने की अपील कर रहे हैं। छात्रों के पास खाना और पानी तक नहीं है। छात्र बर्फ पिघलाकर पानी का बंदोबस्त करने को मजबूर हैं।
पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को दिया हरसंभव मदद का आश्वासन
NDTV के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक हुई इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी का पूरा फोकस सुमी में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर रहा। उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से इसमें सहयोग की अपील की। इस पर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को भारतीयों के निकासी के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से दोनों देशों के दलों में चल रही वार्ता के अलावा राष्ट्रपति जेलेंस्की से सीधी बात करने की भी अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अस्थायी सीजफायर के लिए की रूस की प्रशंसा
सरकार के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस द्वारा चार शहरों में किए गए अस्थाई सीजफायर के ऐलान और सूमी सहित यूक्रेन के कुछ हिस्सों में लोगों की निकासी के लिए मानवीय कॉरिडोर बनाने के लिए रूस की प्रशंसा भी की है। हालांकि, यूक्रेन ने रूस के इस कदम को अनैतिक बताते हुए खारिज कर दिया है। यूक्रेन का आरोप है कि रूस अपनी छवि को बेहतर दिखाने के लिए लोगों की परेशानियों का इस्तेमाल कर रहा है।
युद्ध की शुरुआत के बाद दोनों नेताओं के बीच दूसरी वार्ता
बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी वार्ता है। इससे पहले 25 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से बात कर हिंसा की तत्काल समाप्ति की अपील की थी। उस दौरान भी उन्होंने पुतिन के सामने भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और वह दोनों देशों से सहयोग की उम्मीद करती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी बात की
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी करीब 35 मिनट तक फोन पर बात की थी। इसमें दोनों नेताओं ने यूक्रेन में स्थिति पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी बातचीत की सराहना की और वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने में यूक्रेन सरकार द्वारा दी गई सहायता के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की को धन्यवाद दिया। उन्होंने सुमी से भारतीयों की वापसी में भी सरकार का समर्थन मांगा है।
भारतीयों की वापसी के प्रयास में जुटी है सरकार
बता दें कि भारत सरकार इस समय यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी के प्रयास में जुटी है। यही कारण है कि ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 63 उड़ानों में 13,300 भारतीयों को वापस लाया जा चुका है। इसी तरह 20,000 से अधिक भारतीयों को यूक्रेन से निकालकर सीमावर्ती देशों में पहुंचा दिया गया है। सरकार अब सुमी में फंसे 700 नागरिकों सहित अन्य नागरिकों को निकासी के लिए मानवीय कॉरिडोर बनवाने का प्रयास कर रही है।