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ट्रंप से बैठक के बाद पुतिन के सुरक्षाकर्मी अपने साथ ले गए उनका मल-मूत्र, जानिए कारण
व्लादिमीर पुतिन के अंगरक्षक मल-मूत्र सूटकेस अलास्का ले गए थे

ट्रंप से बैठक के बाद पुतिन के सुरक्षाकर्मी अपने साथ ले गए उनका मल-मूत्र, जानिए कारण

लेखन गजेंद्र
Aug 18, 2025
01:18 pm

क्या है खबर?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब अलास्का में अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप से मिलने पहुंचे तो उनके सुरक्षाकर्मी अपने साथ 'मल-मूत्र सूटकेस' भी लाए थे। यूक्रेन युद्ध को लेकर एंकोरेज में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में इस 'मल-मूत्र सूटकेस' की काफी चर्चा है, जो उनके अंगरक्षक हमेशा साथ लेकर घूम रहे थे। आखिर क्यों 'मल-मूत्र सूटकेस' पुतिन के अंगरक्षक साथ लेकर चलते हैं और यह कैसे उनके कड़े सुरक्षा प्रबंधों की पहचान बन गया है? आइए जानते हैं।

सुरक्षा

मल-मूत्र सूटकेस में क्या होता है?

पेरिस मैच के लिए काम करने वाले खोजी पत्रकारों रेजिस गेंटे और मिखाइल रुबिन ने सबसे पहले इस बात का खुलासा किया था कि पुतिन अपने साथ 'मल-मूत्र सूटकेस' लेकर चलते हैं। दरअसल, रूसी राष्ट्रपति की संघीय सुरक्षा सेवा (FPS) मस्किटियर्स के सदस्य सूटकेस के अंदर विशेष थैलों में उनके मल को इकट्ठा करते हैं, जो काफी वर्षों से हो रहा है। सुरक्षाकर्मी पुतिन के दौरे के दौरान उनके द्वारा विसर्जित मूत्र-मल को अपने साथ मॉस्को ले जाते हैं।

कारण

क्या है कारण?

दरअसल, मल और मूत्र की जांच से पुतिन के शरीर की बीमारियों जैसे कैंसर, मधुमेह, या अन्य बीमारियों का पता चल सकता है। दुनियाभर की खुफिया एजेंसियां उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल न कर सकें, इसलिए रूसी सुरक्षा एजेंसी इस मामले में सतर्क रहती हैं। पिछले 25 वर्षों से रूस के शीर्ष नेता पुतिन अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद सतर्क हैं। अक्सर उनकी बीमारियों को लेकर अटकलें सामने आती रहती हैं।

प्रथा

1999 से चल रही है यह प्रथा

BBC की एक पत्रकार, फरीदा रुस्तमोवा कहती हैं कि मल-मूत्र सूटकेस लेकर चलने की प्रथा 1999 में पुतिन के राष्ट्रपति बनने के बाद से चल रही है। रुस्तमोवा ने पहली बार 2017 में इसके बारे में तब रिपोर्ट किया था, जब पुतिन फ्रांस गए थे। वियना और सऊदी अरब की यात्रा में भी पुतिन ने अपने पोर्टेबल शौचालय का इस्तेमाल किया था। इसे पुतिन की पैरानॉइड सिक्योरिटी रणनीति का हिस्सा बताया जाता है।

जानकारी

क्या कोई और वैश्विक नेता भी ऐसा करता है?

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बारे में ऐसी जानकारी सामने आई हैं, लेकिन उनकी कम विदेश यात्राओं से यह पुष्टि नहीं हो सकी। इसके अन्य किसी नेता में यह प्रथा नहीं दिखी। अमेरिका समेत कुछ देशों के नेता न्यूक्लियर ब्रीफकेस लेकर चलते हैं।