नीतीश कुमार क्या फिर मारेंगे पलटी? बैठकों और बयानों के बीच लग रहीं अटकलें
बिहार में राजनीतिक पारा फिर बढ़ा हुआ है। अटकलें हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि राज्य में बैठकों और बयानों का दौर जारी है। शुक्रवार (19 जनवरी) को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी नीतीश से मुलाकात की है। आइए समझते हैं कि बिहार में सियासी उथल-पुथल की अटकलें क्यों लगाई जा रही हैं।
अमित शाह के बयान से बढ़ी अटकलें
हाल ही में एक अखबार को दिए इंटरव्यू में जब गृह मंत्री अमित शाह से पूछा गया कि जो पुराने साथी छोड़कर गए हैं (नीतीश कुमार आदि) अगर वापस आना चाहेंगे तो क्या उनके लिए रास्ते खुले हैं? इसके जवाब में शाह ने कहा, "राजनीति में जो और तो नहीं चलता। किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा।" इससे पहले भाजपा कहती थी कि नीतीश के लिए NDA के दरवाजे अब बंद हो चुके हैं।
नीतीश और लालू-तेजस्वी की मुलाकात
19 जनवरी की सुबह लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी ने नीतीश से मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर मुलाकात की। तेजस्वी यादव ने इस मुलाकात को सामान्य बताते हुए सीट बंटवारे पर चर्चा की बात कही। करीब 45 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद संदेश दिया गया कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक है, लेकिन विश्लेषक इसे डैमेज कंट्रोल की कोशिश मान रहे हैं, क्योंकि कुछ दिनों में नीतीश-तेजस्वी में दूरी साफ नजर आ रही है। दोनों मंच साझा नहीं कर रहे हैं।
RJD और JDU में बढ़ी दूरी
हाल ही में RJD और जनता दल यूनाइटेड (JDU) में दूरी बढ़ी है। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) राजनीति के बड़े नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर भी दोनों में मतभेद सामने आए हैं। 24 जनवरी को ठाकुर की 100वीं जयंती है। JDU ने पहले जयंती पर कार्यक्रम रद्द करने का ऐलान कर दिया, लेकिन RJD ने 23 जनवरी को समारोह मनाने की घोषणा कर दी। इसके बाद JDU ने भी 24 जनवरी को समारोह मनाने की बात कही है।
पूरे बिहार में बैठकों के दौर जारी
हाल ही में नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की। दूसरी ओर, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के आवास पर भाजपा विधायकों की आपात बैठक भी हुई है। भाजपा की सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतनराम मांझी ने भी अपने सभी विधायकों से 25 जनवरी तक पटना में ही रहने के लिए कहा है। हाल ही में चिराग पासवान के घर भी कई नेता जुटे थे।
INDIA गठबंधन में दरकिनार हो रहे हैं नीतीश
नीतीश ने ही विपक्षी गठबंधन INDIA की नींव रखी थी, लेकिन अब इसमें वे लगातार दरकिनार हो रहे हैं। पहले चर्चाएं थीं कि उन्हें विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन संयोजक पद को लेकर भी खींचतान हो गई। INDIA की बैठक में ममता बनर्जी ने जब मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा तो नीतीश कथित तौर पर बैठक से उठकर भी चले गए थे।
चुनावी माहौल भाजपा के पक्ष में
फिलहाल चुनावी माहौल भाजपा के पक्ष में दिखाई दे रहा है। राम मंदिर का मुद्दा चुनावों में भाजपा को जरूर फायदा पहुंचाएगा। पार्टी ने मध्य प्रदेश में यादव मुख्यमंत्री बनाकर RJD के वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है। दूसरी ओर, विपक्ष में एकजुटता की कमी नजर आ रही है। राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं, लेकिन उसे इतनी अहमियत नहीं मिल रही है। अभी तक कोई बड़ा विपक्षी नेता यात्रा में शामिल नहीं हुआ है।
फिलहाल क्या है बिहार विधानसभा की स्थिति?
2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में NDA ने 243 में से 125 सीटें जीती थीं। RJD को 75, भाजपा को 74 और JDU को 43 सीटें मिली थीं। 2022 में नीतीश ने भाजपा छोड़ RJD का दामन थाम लिया था। फिलहाल RJD के सबसे अधिक 79 विधायक हैं। इसके बाद भाजपा के पास 78, JDU के पास 45, कांग्रेस के पास 19, कम्युनिस्ट पार्टी के पास 12, AIMIM के पास एक, HAM के 4 और एक निर्दलीय विधायक हैं।