बिहार: नीतीश कुमार ने किया सरकार बनाने का दावा, कल लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
बिहार में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) प्रमुख नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद अब राज्यपाल फागु चौहान से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इस दौरान उन्होंने RJD प्रमुख तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन का पत्र भी सौंपा हैं। वह कल शाम 4 बजे आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, जबकि तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पर की शपथ लेंगे।
नीतीश कुमार ने किया सात पार्टियों के समर्थन का दावा
सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख तेजस्वी यादव के साथ कहा, "मैं यहां राज्यपाल से मिलने आया और अपना इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मैने दोबारा से राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।" उन्होंने कहा, "महागठबंधन को एक निर्दलीय सहित सात पार्टियों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में हमारे पास कुल 164 विधायकों के समर्थन का पत्र मौजूद है।"
छोटे दलों को खत्म कर रही भाजपा- तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने कहा, "164 विधायकों के साथ हमने राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। एक निर्दलीय का भी हमे समर्थन है।" उन्होंने कहा, "हिंदी भाषी क्षेत्र में भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है। इतिहास बताता है कि भाजपा उन पार्टियों को नष्ट कर देती है जिनके साथ वह गठबंधन करती है। महाराष्ट्र में जो हुआ वो देश ने देखा। नीतीशजी और हम समाजवादी लोग हैं। हमने बिहार के लिए फैसला लिया है।"
नीतीश को चुना गया महगठबंधन का नेता
नीतीश ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। उसके बाद दोनों नेता एकसाथ घर से बाहर आए और फिर मुख्यमंत्री आवास के लिए निकल गए। कुछ ही देर में RJD, लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक भी वहां पहुंच गए। वहां नए गठबंधन के विधायक दलों की बैठक हुई, जिसमें नीतीश को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया। बाद में नीतीश ने राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा किया।
विधायक-सांसदों की बैठक को बाद नीतीश ने दिया था इस्तीफा
इससे पहले सुबह नीतीश ने अपने विधायकों और सांसदों के साथ बैठक कर भाजपा के चल रहे मनमुटावों पर चर्चा की। इस पर पार्टी और उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया था। इसके बाद उन्होंने शाम करीब 03:45 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर NDA के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ बहुत सारी दिक्कतें थी। ऐसे में उन्होंने अलग होने का निर्णय किया है।
JDU और महागठबंधन के नेताओं ने किया राजभवन तक मार्च
इस्तीफा देने और महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद नीतीश ने RJD और कांग्रेस सहित महागठबंधन के नेताओं के साथ राजभवन तक मार्च करते हुए शक्ति प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा किया।
उपमुख्यमंत्री बनेंगे तेजस्वी, नीतीश के हाथ में होगा मंत्रालयों का बंटवारा
NDTV के सूत्रों के अनुसार, नीतीश और तेजस्वी के बीच सरकार के गठन को लेकर लगभग हर बात पर सहमति बन गई है। नीतीश मुख्यमंत्री बने रहेंगे, वहीं तेजस्वी उपमुख्यमंत्री के तौर पर वापसी करेंगे। मंत्रालयों का बंटवारा नीतीश अपने हिसाब से कर सकेंगे। स्पीकर तेजस्वी की RJD से होगा। गृह मंत्रालय भी तेजस्वी को दिया जा सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच पिछले तीन-चार महीने से इस पर बातचीत चल रही थी।
पांच साल बाद महागठबंधन में वापस आए नीतीश
बता दें कि नीतीश कुमार ने पांच साल बाद महागठबंधन में वापसी की है। उन्होंने 2015 बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन के साथ लड़ा था, लेकिन तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद वह 2017 में महागठबंधन से बाहर निकल गए और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। अब उन्होंने इसका ठीक उल्टा किया है और 2020 विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ने के बाद अब उससे गठबंधन तोड़ महागठबंधन के साथ सरकार बना रहे हैं।
नीतीश ने भाजपा से गठबंधन क्यों तोड़ा?
यूं तो नीतीश और भाजपा के संबंध 2019 लोकसभा चुनाव से ही सहज नहीं रहे हैं, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम नीतीश के उत्तराधिकारी रहे आरसीपी सिंह को लेकर पैदा हुआ है। JDU का आरोप है महाराष्ट्र में शिवसेना की तरह भाजपा सिंह के द्वारा JDU को भी तोड़ने की कोशिश कर रही थी और नीतीश को इसकी भनक लग गई थी। इसके अलावा नीतीश अमित शाह के बिहार को रिमोट कंट्रोल करने की कोशिश करने से भी नाराज थे।