2 दिन पहले नीतीश ने शाह से कही थी चिंता न करने की बात- सुशील मोदी
क्या है खबर?
बिहार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद बुधवार को महागठबंधन सरकार बन गई।
नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं।
इस बीच भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो दिन पहले फोन करने पर नीतीश कुमार ने चिंता न करने की बात कही थी।
दावा
अमित शाह ने किया था नीतीश को फोन- सुशील मोदी
अब तक भाजपा की ओर से नीतीश से संपर्क न किए जाने की खबरों के बीच सुशील कुमार मोदी ने NDTV से कहा, "अमित शाह ने दो दिन पहले ही नीतीश कुमार को फोन किया था। उस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया था कि चिंता करने की कोई बात नहीं है।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले डेढ़ सालों में कई बार नीतीश से फोन पर बात बात की, लेकिन उन्होंने कभी भी किसी तरह की शिकायत नहीं की।"
अन्य
सुशील मोदी ने किया था नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाने की मांग करने का दावा
इससे पहले दिन में सुशील मोदी ने दावा किया था, "कुछ JDU नेता मेरे पास इस योजना के साथ आए थे कि अगर नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति के तौर पर दिल्ली जाते हैं तो मैं बिहार का मुख्यमंत्री बन सकता हूं।"
उन्होंने कहा कि इन JDU नेताओं का कहना था कि नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाओ और बिहार पर राज करो। बता दें कि मोदी को नीतीश के सबसे विश्वस्त भाजपा नेताओं में से एक माना जाता है।
इनकार
भाजपा सूत्रों ने किया था नीतीश से संपर्क न करने का दावा
इससे पहले मंगलवार को मीडिया में भाजपा सूत्रों ने नीतीश से कोई संपर्क नहीं करने का दावा किया था।
उन्होंने कहा था कि नीतीश का भाजपा से गठबंधन तोड़ने का कदम एक विश्वासघात था और उन्होंने बार-बार पाला बदलने की आदत से विश्वसनीयता खो दी थी।
सूत्रों ने यह भी कहा कि पार्टी की शीर्ष नेताओं को पहले से उनके इस कदम की जानकारी थी, लेकिन किसी भी नेता ने उन्हें मनाने के लिए संपर्क तक नहीं किया।
निशाना
नीतीश ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर साधा भाजपा पर निशाना
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश ने कहा, "नरेंद्र मोदी 2014 में जीत गए थे, लेकिन अब उन्हें 2024 की चिंता करनी चाहिए। विपक्ष कहा रहा है कि मैं 2024 तक टिकूंगा या नहीं, वो अपनी मर्जी से कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन मैं साल 2014 में नहीं रह रहा हूं।"
उन्होंने कहा, "कुछ लोगों को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जाएगा, लेकिन अब वह भी विपक्ष में आ गए हैं। विपक्ष और अधिक मजबूत होगा।"
पृष्ठभूमि
महीनों चली तकरार के बाद नीतीश ने कल तोड़ा था भाजपा से गठबंधन
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से चले आ रहे तकरार के बाद कल नीतीश ने भाजपा से गठबंधन तोड़ते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
अब उन्होंने मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाई है। इसमें RJD के अलावा कांग्रेस, लेफ्ट पार्टी और निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं।
उन्होंने राज्यपाल के पास के 164 विधायकों के समर्थन होने का पत्र भी पेश किया था।
कारण
नीतीश ने भाजपा से गठबंधन क्यों तोड़ा?
यूं तो नीतीश और भाजपा के संबंध 2019 लोकसभा चुनाव से ही सहज नहीं रहे हैं, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम नीतीश के उत्तराधिकारी रहे आरसीपी सिंह को लेकर पैदा हुआ है।
JDU का आरोप है महाराष्ट्र में शिवसेना की तरह भाजपा सिंह के द्वारा JDU को भी तोड़ने की कोशिश कर रही थी और नीतीश को इसकी भनक लग गई थी।
इसके अलावा नीतीश अमित शाह के बिहार को रिमोट कंट्रोल करने की कोशिश करने से भी नाराज थे।