#NewsBytesExplainer: चंपई सोरेन कौन हैं और कैसे वे झारखंड के मुख्यमंत्री बने?
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को कई घंटों की पूछताछ के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए जाने से पहले हेमंत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा और चंपई सोरेन को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की गई। इस घोषणा के पीछे भी खास वजह है।
आइए जानते हैं कि चंपई सोरेन कौन हैं और उन्हें क्यों मुख्यमंत्री चुना गया।
चंपई सोरेन
चंपई सोरेन कौन हैं?
एक किसान के बेटे चंपई सोरेन सरायकेला-खरसांवा जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की है। कम उम्र में ही उनका विवाह मानको से करा दिया गया। चंपई के 4 बेटे और 3 बेटियां हैं।
वह JMM के संस्थापक शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत दोनों के विश्वसनीय रहे हैं। उन्होंने झारखंड राज्य के निर्माण को लेकर हुए आंदोलन में अहम भूमिका अदा की थी।
उन्हें 'झारखंड टाइगर' के नाम से भी जाना जाता है।
राजनीतिक सफर
कैसे हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत?
चंपई पहली बार 1991 में सरायकेला सीट पर हुए उपचुनाव में मैदान में उतरे थे। उन्होंने निर्दलीय होते हुए भी इस चुनाव में जीत हासिल की थी।
इसके बाद वह 1995 चुनाव में भी जीते, लेकिन 2000 का चुनाव हार गए। 2005 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से वह कोई चुनाव नहीं हारे।
वे पहले अर्जुन मुंडा की सरकार में मंत्री रहे और अभी हेमंत सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री थे।
घोषणा
मुख्यमंत्री बनने की रेस में दी हेमंत की पत्नी को मात
जब जमीन घोटाले में हेमंत पर ED की कार्रवाई तेज हुई, तब अटकलें थीं कि वह अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बना सकते हैं।
इसके लिए उन्होंने तैयारी भी की थी। कल्पना के लिए ही झारखंड की गांडेय सीट खाली कराई गई थी और विधायकों के हस्ताक्षर भी लिए गए थे, लेकिन आखिरी समय में गुरुवार को चंपई के नाम की घोषणा की गई।
चंपई सोरेन परिवार से नहीं हैं, लेकिन सोरेन परिवार के काफी करीबी हैं।
मुहर
कल्पना के नाम पर क्यों नहीं लगी मुहर?
कल्पना को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें शुरू हुईं तो सोरेन परिवार में बगावत शुरू हो गई।
दरअसल, हेमंत की भाभी सीता सोरेन और भाई बसंत सोरेन दोनों राजनीति में सक्रिय हैं। यदि कल्पना का नाम राज्यपाल के पास भेजा जाता तो पारिवारिक कलह पैदा हो सकती थी।
NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बुधवार सुबह जब हेमंत अपने पिता शिबू से मिलने गए तो परिवार में कल्पना के नाम पर सहमति नहीं बन सकी थी।
चंपई
चंपई का नाम आखिरी समय में कैसे तय हुआ?
सूत्रों के अनुसार, हेमंत के लिए अपनी भाभी और भाई को कल्पना के नाम पर सहमत करना हमेशा मुश्किल था।
कल्पना की उम्मीदवारी का 3 बार की JMM विधायक सीता ने विरोध किया। सीता खुद को शिबू और दुर्गा सोरेन की विरासत की स्वाभाविक उत्तराधिकारी के तौर पर देखती हैं।
इसी कारण चंपई का नाम बैकअप के तौर पर तैयार था और हेमंत ने विधायकों से 2 खाली समर्थन पत्रों पर हस्ताक्षर लिए थे। इनमें से एक चंपई का था।
गिरफ़्तारी
न्यूजबाइट्स प्लस
हेमंत को रांची में भारतीय सेना की भूमि बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मामले में आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सेना की 5 एकड़ जमीन बेची गई, जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत थी।
इंडिया टुडे के अनुसार, कुछ अधिकारियों ने हेमंत के भी मामले में शामिल होने की बात कही और पूछताछ में जब हेमंत से इस बारे में सवाल पूछा गया तो वे जवाब नहीं दे पाए।