झारखंड हाई कोर्ट ने दिए मुख्यमंत्री और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के आदेश
झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई सहित अन्य रिश्तेदारों को बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी कंपनी संचालित कर आय से अधिक संपति रखने के संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) को मुख्यमंत्री सोरेन, उनके भाई और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि RTI कार्यकर्ता शिव शंकर शर्मा ने गत दिनों वकील राजीव कुमार के जरिए हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर दर्जनों कंपनियों का निर्माण कर बड़े पैमाने पर निवेश करते हुए लाभ कमाया है। याचिका में शर्मा ने मुख्यमंत्री सोरेन, उनके भाई और रिश्तेदारों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई की मांग की थी।
याचिकाकर्ता ने सौंपी थी 28 कंपनियों की सूची
याचिकाकर्ता ने याचिका के साथ 28 कंपनियों की सूची सौंपते हुए आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री सोरेन, उनके भाई और रिश्तेदारों ने इन फर्जी कंपनियों में अवैध तरीके से निवेश कर काले धन को सफेद किया है। इसमें उनके रिश्तेदार अमित अग्रवाल और रवि केजरीवाल ने सहयोग किया है। याचिकाकर्ता का यह भी आरोप है कि मुख्यमंत्री और उनके भाई के पास वर्तमान में मौजूद ज्ञात संपत्ति से कई गुना अधिक संपत्ति है।
याचिकाकर्ता ने किया 200 से अधिक कंपनियों में निवेश का दावा
याचिकाकर्ता ने गत दिनों एक पूरक शपथ पत्र पेश करते हुए 200 से अधिक अन्य कंपनियों की सूची देते हुए आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री और उनके भाई सहित अन्य रिश्तेदारों ने इन सभी कंपनियों में निवेश करते हुए बहुत अधिक पैसा कमाया है।
हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ED और ROC को मुख्यमंत्री सोरेन, उनके भाई बसंत सोरेन, रवि केजरीवाल और अमित अग्रवाल समेत कुल 13 लोगों की संपत्ति की जांच के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने दोनों एजेंसियों को दो सप्ताह में जांच करते हुए अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री सोरेन की मुश्किलें बढ़ गई है।
सभी कंपनियों की जांच करेगी ROC
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के तहत अब ROC याचिकाकर्ता की ओर से सौंपी गई सभी 200 से अधिक कंपनियों की क्रेडिंशयल जांच करेगी और पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। इसके साथ ही ED भी समानांतर जांच करते हुए इसमें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के उल्लंघनों का पता लगाकर रिपोर्ट तैयार करेगी। दोनों एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद ही हाई कोर्ट आगे की कार्रवाई का आदेश देगा। ऐसे में अब यह मामला गंभीर हो गया है।
खनन पट्टे को लेकर भी परेशानी में चल रहे है मुख्यमंत्री सोरेन
बता दें कि इस समय मुख्यमंत्री सोरेन रांची के अंगारा ब्लॉक में खनन पट्टा हासिल करने को लेकर चुनाव आयोग की जांच का सामना कर रहे हैं। भाजपा ने फरवरी में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय की शक्ति का दुरुपयोग करके जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9A का उल्लंघन किया है। भाजपा ने सोरेन को मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित करने की भी मांग की थी। इसकी जांच जारी है।