प्रधानमंत्री मोदी ने की 'प्रधानमंत्री जनमन योजना' की घोषणा, जानें किन्हें मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 24,000 करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PM PVTG) अभियान की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के खूंटी जिले में बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर इसकी घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य देश में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) का समग्र विकास करना है। इस योजना के तहत झारखंड के आदिवासी जनजातियों के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
डिजिटल रूप से की इस योजना की शुरुआत, 22,000 गावों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर इस योजना की शुरुआत बटन दबाकर डिजिटल रूप से की। इस योजना का लाभ देश के 22,000 से अधिक गांवों में रह रहे PVTG जनजातीय समूह को मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जैसे पिछड़ों में सबसे पिछड़े होते हैं, वैसे आदिवासियों में पीछे रह गए आदिवासी हैं, जिनकी संख्या देश में लाखों में हैं। इन्हें आजादी के 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं।"
इस योजना के तहत क्या सुविधाएं मिलेंगी?
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस अभियान के तहत PVTG इलाकों में बुनियादी सुविधाएं, जैसे सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान किए जाएंगे। एक अधिकारी ने बताया कि ये बुनियादी सुविधाएं ज्यादातर दूरस्थ, बिखरे हुए इलाकों तक नहीं पहुंच सकी हैं। बता दें कि PVTG भारत में कुल जनसंख्या का लगभग 8.6 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है।
PVTG क्या है?
PIB के अनुसार, जनजातीय समूहों में PVTG या विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह सबसे अधिक असुरक्षित हैं। भारत में PTG की पहचान सबसे पहले 1973 में ढेबर आयोग द्वारा की गई थी, जो जनजातीय समूहों में कम विकसित हैं। 2006 में भारत सरकार ने PTG का नाम बदलकर PVTG कर दिया था। 705 अनुसूचित जनजातियों में से कुल 75 PVTG जातियां हैं। सूचीबद्ध 75 PVTG में से सबसे अधिक संख्या ओडिशा में पाई जाती है।
प्रधानमंत्री PVTG अभियान क्या है?
द प्रिन्ट के अनुसार, जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अनुसार, इस समूह के लोग 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 220 जिलों के 22,544 गांवों में रह रहे हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 24,000 करोड़ रुपये की योजना के तहत 15,000 करोड़ रुपये केंद्र और बाकी का योगदान PVTG आबादी वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जाएगा। यह योजना 3 साल की अवधि में अन्य सरकारी योजनाओं के साथ लागू की जाएगी।