
ED के समन पर पेश नहीं हुए हेमंत सोरेन, कहा- नोटिस मत भेजो, गिरफ्तार करके दिखाओ
क्या है खबर?
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कथित खनन घोटाले में हुई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से भेजे गए समन के बाद भी गुरुवार को पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए।
इस दौरान उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि यदि उन्होंने कोई अपराध किया गया है तो फिर नोटिस और समन मत भेजो, बल्कि सीधा गिरफ्तार करके दिखाओ। इस अपराध के लिए पूछताछ की जरूरत नही है।
नोटिस
ED ने सोरेन को कल भेजा था समन
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में बुधवार को सोरेन को समन भेजा था। इसमें उन्हें पूछताछ के लिए गुरुवार को कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था।
हाल ही में ED को इस मामले के आरोपी और सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा के घर छापे के दौरान मुख्यमंत्री की बैंक पासबुक और चेक बुक मिली थी।
इसको लेकर एजेंसी का मुख्यमंत्री सोरेन पर भी शक गहरा गया था और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।
बयान
"मैंने कोई अपराध किया है तो फिर आकर गिरफ्तार कर लो"
ED के सामने पेश न होने के बाद मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, "मुझे ED की ओर से समन जारी किया गया, जब छत्तीसगढ़ में मेरा आज एक कार्यक्रम था। यदि मैंने अपराध किया है तो फिर आकर मुझे गिरफ्तार कर लो। इसके लिए पूछताछ की क्या जरूरत है? ED कार्यालय के बाहर सुरक्षा क्यों बढ़ाई गई है। आप झारखंडियों से डरे हुए क्यों हैं?"
उन्होंने कहा, "आज CBI और ED का इस्तेमाल हथियार के तौर पर किया जा रहा है।"
निशाना
सोरेन से साधा भाजपा पर निशाना
सोरेन ने कहा कि भाजपा को लगता है कि जेल में डालकर डरा देंगे। वह इस साजिश का माकूल जवाब देंगे। जनता उनके साथ है तो कोई भी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि वो उनकी सरकार का बाल भी बांका नहीं कर सकते और उनकी सरकार पांच साल पूरे करेगी। किसी से डरने की जरूर नहीं है। अगर अगर उनकी पार्टी ने जेल भरो अभियान शुरु किया तो कितने लोग आएंगे, उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं होगी।
सफाया
आने वाले चुनावों में हो जाएगा भाजपा का सफाया- सोरेन
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, "हमने राज्य में कुछ बाहरी गैंगों की पहचान की है। जो चाहते हैं कि झारखंड के आदिवासी अपने पैरों पर न खड़े हो सकें। इस राज्य में झारखंडियों का ही शासन रहेगा, किसी बाहरी ताकत का कब्जा नहीं हो सकेगा। आने वाले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में राज्य से भाजपा का सफाया कर दिया जाएगा।"
इधर, ED के समन को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया है।
पृष्ठभूमि
कैसे शुरू हुई थी इस मामले की जांच?
ED ने झारखंड के साहेबगंज जिले के कथित खनन मामले की जांच शंभू नंदन कुमार नामक शिकायतकर्ता की शिकायत पर शुरू की थी।
कुमार ने आरोप लगाया था कि 22 जून, 2020 को मिश्रा ने उन्हें टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने पर धमकाया और फोन कर टेंडर प्रक्रिया में भाग न लेने को कहा था।
जब उन्होंने यह बात मानने से इनकार कर दिया तो मिश्रा के इशारों पर भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था।
आरोप
मिश्रा पर लगे हैं गंभीर आरोप
सितंबर में एजेंसी ने रांची स्थित विशेष अदालत को जानकारी दी कि उसने साहेबगंज जिले और आसपास के इलाकों में 1,000 करोड़ रुपये के अवैध खनन के पत्थरों का पता लगाया है। यह भी आरोप है कि मिश्रा का लगभग खदानों में तय हिस्सा था।
ED ने इस मामले में मिश्रा, उनके करीबी बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को आरोपी बनाया है और ये सभी न्यायिक हिरासत में है।
जांच
47 जगहों पर छापेमारी कर चुकी है ED
ED ने यह भी आरोप लगाया है कि मिश्रा ने दुमका के कमिश्नर चंद्र मोहन प्रकाश को एक हादसे की जांच रोकने के लिए प्रभावित किया था, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी।
बता दें कि ED इस मामले में 47 ठिकानों पर जांच कर चुकी है और करोड़ों रुपये बरामद किए हैं।
प्रेम प्रकाश मिश्रा के आवास पर छापेमारी के दौरान एजेंसी ने दो AK-47 असॉल्ट राइफल्स और 60 राउंड गोलियां बरामद की थी।