रिमोट वोटिंग और इससे संबंधित RVM क्या है, जिसका कई पार्टियों ने किया विरोध?
चुनाव आयोग ने सोमवार को रिमोट वोटिंग पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई थी, जिसमें विभिन्न राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में आयोग ने पार्टियों को प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) के बारे में विस्तार से समझाया। कई राजनीतिक पार्टियों ने RVM का विरोध किया है। आइए जानते हैं कि रिमोट वोटिंग के लिए प्रस्तावित RVM क्या है और यह कैसे काम करती है।
चुनाव आयोग ने मांगे प्रस्ताव
चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों से RVM के उपयोग की अनुमति के लिए कानून में आवश्यक बदलाव जैसे मुद्दों पर जनवरी के अंत तक अपने विचार लिखित रूप में देने को कहा है। आयोग RVM के प्रोटोटाइप का डेमो भी कर सकता है।
क्या होती है RVM?
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) सामान्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का एक संशोधित रूप है। RVM मार्क 3 EVM का एक टाइम टेस्टेड मॉडल है, जिसके इस्तेमाल से अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र से दूर रह रहे मतदाताओं को मतदान करने की सुविधा मिल सकती है। वर्तमान में चुनाव आयोग भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) के साथ रिमोट वोटिंग को लेकर काम कर रहा है।
इंटरनेट से नहीं जुड़ी होगी RVM
चुनाव आयोग के मुताबिक, RVM को एक मजबूत और असरदार स्टैंड-अलोन सिस्टम के रूप में विकसित किया जाएगा। यह मौजूदा EVM पर ही आधारित होगी, लेकिन इंटरनेट से जुड़ी नहीं होगी। RVM की रिमोट पोलिंग बूथ यूनिट 72 निर्वाचन क्षेत्रों की मतदान प्रक्रिया को संभालने में सक्षम है। RVM से प्रवासी अपने मौजूदा स्थान से आसानी से अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान कर सकेंगे।
क्यों लाया गया रिमोट वोटिंग का प्रस्ताव?
चुनाव आयोग ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसका मतलब 30 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने वोट डालने के अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। आयोग ने कहा कि मतदाता नई जगह पर बसने पर कई कारणों के चलते पंजीकरण नहीं करवाते हैं और इसके कारण मतदान नहीं कर पाते हैं। वो मतदान के समय अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र भी नहीं जाते हैं। इसी के कारण रिमोट वोटिंग की जरूरत महसूस हुई।
क्या हैं RVM के जरिए रिमोट वोटिंग के लाभ?
यदि RVM का इस्तेमाल शुरू होता है तो प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र जाने की आवश्यकता नहीं होगी। रिमोट वोटिंग का सिद्धांत लागू होने से मतदान प्रतिशत में भी वृद्धि होगी। इसके चलते किसी भी कारण अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र से दूर रह रहे लोग और प्रवासी मजदूर भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे और एक मजबूत लोकतंत्र के निर्माण में अपना योगदान कर सकेंगे।
रिमोट वोटिंग के लिए क्या करना होगा?
प्रवासी मतदाताओं को अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में रिमोट वोटिंग के लिए एक निश्चित समय के अंदर ऑनलाइन या ऑफलाइन तौर पर आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद मतदाता द्वारा दी गई जानकारी को चुनाव आयोग की टीम उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र की जानकारी से प्रमाणित करेगी और प्रमाणित हो जाने पर प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान के समय RVM सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद प्रवासी आसानी से अपना मतदान कर सकेंगे।
कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने किया RVM का विरोध
कांग्रेस ने RVM के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें जनता दल यूनाइटेड (JDU), नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और समाजवादी पार्टी (सपा) समेत 16 पार्टियां शामिल हुईं। इन सभी पार्टियों ने रिमोट वोटिंग का विरोध किया। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि RVM सिस्टम अभी अधूरा है और इसमें राजनीतिक समस्याएं हैं क्योंकि प्रवासी मजदूर की परिभाषा और संख्या भी साफ नहीं है।
न्यूजबाइट्स प्लस
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