उत्तर प्रदेश: वापस लौटे प्रवासी मजदूरों की कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिविटी रेट महज 3.2 प्रतिशत
उत्तर प्रदेश में अब तक दूसरे राज्यों से लौटे जितने प्रवासी मजदूरों का टेस्ट किया गाय है, उनमें से महज 3.2 प्रतिशत को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के अनुसार, पिछले 10 दिनों से यही ट्रेंड बरकरार है। प्रवासी मजदूरों के संक्रमण की ये दर राज्य की 2.85 प्रतिशत टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट के लगभग बराबर है और प्रवासी मजदूरों के कारण बड़े पैमाने पर संक्रमण फैलने की आशंकाओं को दूर करती है।
अब तक 2,404 मजदूरों को पाया गया संक्रमित
IDSP के आंकड़ों के अनुसार, अभी उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से वापस लौटे 11.68 लाख प्रवासी मजदूरों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से 74,237 का टेस्ट किया गया है और 2,404 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। इस तरह से वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों की टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 3.2 प्रतिशत होती है। पिछले 10 दिनों में तो टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट तीन प्रतिशत ही है।
देश और राज्यों के मुकाबले भी मजदूरों की टेस्ट पॉजिटिविटी रेट कम
उत्तर प्रदेश में वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों की टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट देश की औसत पॉजिटिविटी रेट से लगभग दो प्रतिशत कम है। इसके अलावा जिन राज्यों से मजदूर वापस लौट रहे हैं, उनके मुकाबले भी वापस लौट रहे मजदूरों का टेस्ट पॉजिटिविटी रेट बहुत कम है। महाराष्ट्र में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 15 प्रतिशत, गुजरात में आठ प्रतिशत और दिल्ली में नौ प्रतिशत है और अधिकांश मजदूर इन्हीं राज्यों से वापस लौटे हैं।
कम टेस्ट पॉजिटिविटी रेट के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पर नहीं पड़ा अतिरिक्त दबाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले दो महीने से प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं और उनकी वजह से सभी 75 जिलों में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन कम टेस्ट पॉजिटिविटी रेट होने के कारण संक्रमण बड़े पैमाने पर नहीं फैला और अस्पतालों और स्वास्थ्य व्यवस्था पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ा है। इसने मजदूरों की वजह से संक्रमण फैलने के डर को काफी हद तक दूर किया है।
विशेषज्ञ बोले- मजदूर नहीं हैं खतरा
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के श्रीनाथ रेड्डी ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए कहा कि इन आंकड़ों से इस बात की पुष्टि होती है कि अपने व्यवसाय की प्रकृति और रहने के स्थान की वजह से मजदूरों के वायरस से संक्रमित होने की बहुत कम संभावना रहती है। उन्होंने कहा, "मैं शुरू से कह रहा हूं कि प्रवासी मजदूरों से खतरा नहीं हैं... जो लोग वायरस ला रहे हैं वे ज्यादातर विदेशी यात्री हैं।"
शहरी हॉटस्पॉट में रखने के कारण बढ़ा मजदूरों के संक्रमित होने का खतरा- रेड्डी
रेड्डा ने आगे कहा, "उनके व्यवसाय की प्रकृति बहुत अलग है, जैसे की कंस्ट्रक्शन साइट या कम आय वाले आवास। उनमें 25 मार्च तक वायरस होने की संभावना बेहद कम थी। अगर वापस जाने में उनकी मदद की गई होती तो हमें ये समस्या नहीं दिखती। लेकिन उन्हें लगभग आठ हफ्ते तक शहरी हॉटस्पॉट में रखने के कारण खतरा था कि उनमें वायरस हो सकता है। हालांकि बाकियों को देखते हुए उनका संक्रमण दर कम है, आंकड़े ये दर्शाते हैं।"
उत्तर प्रदेश में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 8,729 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। इनमें से 229 की मौत हुई है जबकि 5,176 ठीक हो चुके हैं। राज्य में अब तक 3,07,621 टेस्ट किए जा चुके हैं।