'एक देश, एक चुनाव' पर संसद में 3 विधेयक लाएगी सरकार, ये संविधान संशोधन होंगे
'एक देश, एक चुनाव' को लेकर हलचल फिर तेज हो गई है। खबर है कि केंद्र सरकार इस संबंध में संसद में 3 विधेयक लाने की तैयारी में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें से 2 विधेयक संविधान संशोधन विधेयक होंगे। हालांकि, अभी ये पता नहीं है कि इन विधेयकों को संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा या बजट सत्र में। कहा जा रहा है कि इस पर भी जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
पहले विधेयक में क्या हो सकता है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रस्तावित पहले संविधान संशोधन विधेयकों में से एक में स्थानीय निकाय चुनावों को लोकसभा और विधानसभाओं के साथ कराए जाने का प्रावधान शामिल है। इसके लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों के समर्थन की भी जरूरत होगी। इस विधेयक के जरिए एक ही समय में सभी चुनाव एक कराने की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे पूरे देश में एक एकीकृत चुनावी प्रक्रिया लागू हो सकेगी।
दूसरे विधेयक के जरिए किए जाएंगे ये संविधान संशोधन
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, प्रस्तावित विधेयक में अनुच्छेद 82A में संशोधन का प्रस्ताव है। इसमें 'नियत तिथि' से संबंधित उप-खंड (1) और उप-खंड (2) को जोड़ा जाएगा, जो लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं दोनों के कार्यकाल को एक साथ समाप्त करने पर केंद्रित है। इसके अलावा अनुच्छेद 83(2) में संशोधन का भी प्रावधान है। लोकसभा की अवधि और विघटन से संबंधित नए उप-खंड (3) और (4) को शामिल करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
एक विधेयक को राज्यों के समर्थन की जरूरत नहीं
अनुच्छेद 83(2) में संशोधन वाले विधेयक में विधानसभाओं को भंग करने और 'एक साथ चुनाव' शब्द को शामिल करने के लिए अनुच्छेद 327 में संशोधन करने का भी प्रावधान है। इस संबंध में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने कहा है कि इस विधेयक को 50 प्रतिशत राज्यों के समर्थन की जरूरत नहीं होगी, लेकिन दूसरे संविधान संशोधन विधेयक को राज्य विधानसभाओं का समर्थन जरूरी होगा, क्योंकि यह राज्य के मामलों से संबंधित रहेगा।
तीसरे विधेयक में क्या होगा?
तीसरा विधेयक एक साधारण विधेयक होगा। इसे विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों जैसे दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर से संबंधित कानूनों में संशोधन के लिए लाया जाएगा। यह एक साधारण विधेयक है, इसलिए इसमें न तो संविधान संशोधन और न ही राज्यों के समर्थन की जरूरत है। इस विधेयक के जरिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991, केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन किए जाएंगे।
समिति ने की हैं ये सिफारिशें
एक देश, एक चुनाव के संबंध में उच्च स्तरीय समिति ने मार्च में सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें संविधान के 3 अनुच्छेदों में कुल 18 संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है। रिपोर्ट में 'एक देश, एक चुनाव' को 2 चरणों में लागू करने की सिफारिश की गई है। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव होंगे। आम चुनाव के 100 दिनों के भीतर पंचायतों और नगर निगमों जैसे स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे।
क्या है 'एक देश एक चुनाव'?
'एक देश, एक चुनाव' से आशय विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने से है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक साथ चुनाव 2 चरणों में करवाए जा सकते हैं। पहले चरण में लोकसभा और कुछ राज्यों की विधानसभा के लिए मतदान हो सकता है। दूसरे चरण में बाकी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ हो सकते हैं। अगर राज्य सरकार बीच में गिर जाती है तो दूसरी बार में अन्य राज्यों के साथ उस राज्य के दोबारा चुनाव हो सके।