'एक देश, एक चुनाव' के मुद्दे पर विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा- सबसे ली जाए राय
केंद्र सरकार की ओर से 'एक देश, एक चुनाव' की बहस छेड़ने के बाद विपक्षी पार्टियों के नेताओं के बयान आना शुरू हो गए हैं। कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां इस पर एकजुट दिख रही हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता और सांसद संजय राउत ने कहा, "एक देश, एक चुनाव ठीक है, लेकिन उससे पहले निष्पक्ष चुनाव कीजिए। वह हमारा नारा है, जो आज देश में नहीं हो रहा है। हम निष्पक्ष चुनाव की मांग करते हैं। यह षड्यंत्र है।"
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने कहा कि यह प्रैक्टिकल न हो तो अच्छा है क्योंकि आप इसे कैसे करेंगे, प्रधानमंत्री ये किस तरह से करेंगे, इसका एक ब्लू प्रिंट सामने आना चाहिए। अल्वी ने कहा, "इस पर विपक्ष से बात करनी चाहिए कि प्रधानमंत्री और केंद्र की क्या सोच है। वैसे प्रधानमंत्री की आदत हो गई है देश को संशय में रखने की।" उन्होंने कहा कि ये लोकतांत्रिक मर्यादा नहीं, बल्कि तानाशाही है।
बाद में लाएंगे 'एक देश, एक नेता'- डी राजा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता डी राजा ने 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर कहा कि इस पर भाजपा में लंबे समय से चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा जब से सत्ता में आई है, उसमें जुनून था कि एक देश, एक संस्कृति, एक जात, एक भाषा, एक टैक्स, एक चुनाव, एक देश, एक पार्टी और फिर एक देश, एक नेता बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ये उनका जुनून है, जिससे वे परेशान हैं।