#NewsBytesExplainer: कैसे भाजपा ने मुख्यमंत्रियों के चयन के जरिए लोकसभा चुनाव के लिए समीकरण साधे?
क्या है खबर?
भाजपा ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में भी मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया। हर बार की तरह पार्टी हाईकमान ने इस बार भी अपने निर्णयों से सबको चौंकाया है।
तीनों प्रमुख राज्यों में ऐसे नए चेहरों को कमान सौंपी गई है, जो मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल तक नहीं थे।
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ये निर्णय लिए गए हैं। आइए इन निर्णयों के पीछे का गणित समझते हैं।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय को क्यों बनाया गया मुख्यमंत्री?
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाया गया है। वह आदिवासी समुदाय से हैं। राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी 32 प्रतिशत है और इस बार आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में पार्टी ने सभी 14 सीटें जीतीं।
साय को आगे करके भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों, मध्य प्रदेश और झारखंड, के आदिवासी वोटबैंक को भी साधना चाहती है।
मध्य प्रदेश और झारखंड में आदिवासी आबादी क्रमश: 22 और 26 प्रतिशत है।
आदिवासी
आदिवासी वोटबैंक को साधने के पीछे क्या गणित?
भाजपा का आदिवासी वोटबैंक को साधना एक सोची-समझी रणनीति है।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में संयुक्त रूप से 75 लोकसभा सीटें है, जिनमें से 20 आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षित हैं। भाजपा को इन 75 में अधिकांश सीटें जीतने के लिए आदिवासी वोटबैंक की जरूरत है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के गृह राज्य ओडिशा में आदिवासी समुदाय की आबादी 23 प्रतिशत है और उन्हें राष्ट्रपति मनोनीत करके भाजपा राज्य में खुद को आदिवासी हितैषी दिखाने में कामयाब हुई है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में मोहन यादव को क्यों बनाया गया मुख्यमंत्री?
मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया है। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय से हैं।
राज्य की 52 प्रतिशत आबादी OBC समुदाय की है। OBC वोटबैंक की बदौलत ही भाजपा राज्य में दो-तिहाई सीटें जीतने में कामयाब हुई है।
OBC समुदाय ने चुनाव में बड़ी संख्या में भाजपा को वोट दिया, जिसकी बदौलत वह राज्य की 230 में से 163 सीटें जीतने में सफल रही है।
यादव को मुख्यमंत्री बनाने का एक कारण तो ये है।
गणित
यादव को मुख्यमंत्री बनाने के और क्या कारण?
यादव के चयन से पता चलता है कि भाजपा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण OBC बहुल राज्यों, उत्तर प्रदेश और बिहार, पर अपनी नजरें गड़ाए हुए है, जहां 120 लोकसभा सीटें है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश में जातीय समीकरण साधने के लिए मुख्यमंत्री के साथ-साथ दलित समुदाय के जगदीश देवड़ा और ब्राह्मण समुदाय के राजेंद्र शुक्ला को उपमुख्यमंत्री बनाया की घोषणा की है।
राजपूत समुदाय का असंतोष थामने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा स्पीकर बनाए जाना है।
समीकरण
नए OBC चेहरे को आगे करने की क्या है वजह?
लोकसभा चुनाव में OBC वोटबैंक निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है, इसलिए विपक्षी गठबंधन INDIA भाजपा को OBC विरोधी साबित करने की कोशिश में है। इसकी काट के लिए भाजपा ने यादव के रूप में OBC चेहरे को आगे किया है।
इससे न केवल भाजपा खुद को OBC हितैषी साबित कर पाएगी, बल्कि वह यादव चेहरे के जरिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल के वोटबैंक में भी सेंधमारी कर सकेगी।
राजस्थान
राजस्थान में भजनलाल शर्मा को क्यों सौंपी गई कमान?
राजस्थान में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया है। एक ब्राह्मण को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में पड़ोसी राज्यों में फायदा मिल सकता है।
उत्तर प्रदेश में 10 और हरिणाया में लगभग 12 प्रतिशत आबादी ब्राह्मणों की है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ब्राह्मण मतदाताओं की आबादी करीब 5-5 प्रतिशत हैं।
इन 5 राज्यों में लोकसभा की 145 सीटें हैं और इनमें से 114 सामान्य श्रेणी के लिए हैं, जिन्हें भाजपा नजरअंदाज नहीं कर सकती है।
कारण
राजस्थान में भाजपा ने कैसे बैठाए समीकरण?
भाजपा ने राजस्थान में निर्णय से उपजे असंतोष और जातीय समीकरण को साधने की कोशिश भी की है।
पार्टी ने महिला नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जगह राजघराने से जुड़ी दीया कुमारी को उपमुख्यमंत्री बनाया है, जो एक राजपूत चेहरा हैं।
उन्हें आगे करके भाजपा ने राजघराने से जुड़ाव रखने वाले नेताओं और राजपूतों की नाराजगी को कम करने की कोशिश की है।
इसके अलावा प्रेम बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाकर दलित समुदाय को साधा गया है।