#NewsBytesExplainer: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और हिंदुत्व समेत क्या हैं प्रमुख मुद्दे?
नवंबर में देश के 5 प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, इसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है। यहां 17 नवंबर को मतदान होगा, जिसके लिए पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। यहां लंबे समय से सत्ता पर काबिज भाजपा दोबारा वापसी करना चाहती है तो कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर के सहारे जीत की आस में है। आइए समझते हैं कि मध्य प्रदेश के प्रमुख चुनावी मुद्दे क्या हैं।
बेरोजगारी
मध्य प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी और देरी को लेकर राज्य के युवा धरना-प्रदर्शन करते रहते हैं। राज्य में लंबे समय बाद पटवारी भर्ती परीक्षा हुई थी, जो गड़बड़ी की भेंट चढ़ गई। नतीजा ये हुआ कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस परीक्षा के आधार पर होने वाली नियुक्ति पर रोक लगा दी। कांग्रेस लगातार बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रही है। इंडिया टीवी CNX पोल के सर्वे में जनता ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बताया है।
भ्रष्टाचार
कर्नाटक की तरह ही कांग्रेस मध्य प्रदेश में भी भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठा रही है। कांग्रेस का दावा है कि मध्य प्रदेश में 50 प्रतिशत कमीशन की सरकार है। कांग्रेस ने 50 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाते हुए शिवराज के पोस्टर भी चिपकाए थे। कांग्रेस ने भाजपा कार्यकाल के कथित 250 से ज्यादा घोटालों की सूची भी जारी की है। कुछ महीनों पहले महाकाल लोक में लगी मूर्तियों के टूटने के मुद्दे को भी कांग्रेस ने खूब उठाया था।
जातिगत जनगणना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी कांग्रेस शासित राज्यों में जातिगत जनगणना कराने का ऐलान कर चुके हैं। कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में भी शासकीय सेवाओं और योजनाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान कर चुकी है। 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में OBC की आबादी 50.09 प्रतिशत है। कमलनाथ जब कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने OBC आरक्षण 27 फीसदी किया था, लेकिन कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।
हिंदुत्व
मध्य प्रदेश चुनावों में भाजपा खुलकर हिंदुत्व के मुद्दे पर खेलती है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा आए दिन इस संबंध में बयान देते रहते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज स्वयंभू माता लोक, शारदा माता लोक, महाकाल लोक के दूसरे चरण समेत कई योजनाओं का ऐलान कर चुके हैं। दोनों पार्टियों के दिग्गज नेता कई कथावाचकों की दर्जनों कथाएं करा चुके हैं। कांग्रेस ने शिवराज के खिलाफ बुधनी से 'रामायण' में भगवान हनुमान की भूमिका निभा चुके विक्रम मस्ताल को उतारा है।
सत्ता विरोधी लहर
15 महीने छोड़ दिए जाए तो भाजपा 2003 से मध्य प्रदेश की सत्ता में है। ऐसे में भाजपा के लिए सत्ता विरोधी लहर से निपटना सबसे बड़ी चुनौती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद वो जैसे-तैसे सरकार बनाने में कामयाब रही। भाजपा को सत्ता विरोधी लहर के साथ ही सिंधिया खेमे के दलबदल से समर्पित कार्यकर्ताओं की नाराजगी से भी निपटना होगा।
महिलाओं से जुड़े मुद्दे और महिला आरक्षण
राज्य की बड़ी आबादी महिलाओं की है, जिसे सभी पार्टियां लुभाने की कोशिश कर रही है। शिवराज ने हाल ही में लाड़ली बहना योजना शुरू की है और हर महीने महिलाओं के खाते में 1,250 रुपए डाल रहे हैं। पहले ये राशि 1,000 रुपए थी। कांग्रेस ने भी घोषणा पत्र में कहा है कि वो महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपए और 500 रुपए में सिलेंडर देगी। महिला आरक्षण कानून बनने के बाद ये मुद्दा और अहम हो गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम में विधानसभा चुनाव एक चरण, जबकि छत्तीसगढ़ में 2 चरण में होंगे। सबसे पहले 7 नवंबर में मिजोरम विधानसभा चुनाव होगा और इसी दिन छत्तीसगढ़ में पहले चरण का चुनाव होगा। इसके बाद 17 नवंबर को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण का चुनाव होगा। राजस्थान में 23 नवंबर और तेलंगाना में 30 नवंबर को चुनाव होंगे। सभी राज्यों के चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।