मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री, भाजपा ने सबको चौंकाया
क्या है खबर?
मोहन यादव मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। सभी विधायकों से बैठक के बाद भाजपा ने ये फैसला लिया है।
यादव अभी उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की रेस में 18 साल मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान और प्रहलाद पटेल जैसे बड़े नामों को मात दी है।
शिवराज को मुख्यमंत्री पद से हटाना, भाजपा की तरफ से एक बड़ा कदम माना जा रहा है क्योंकि राज्य में पार्टी की प्रचंड जीत में उनकी अहम भूमिका रही थी।
मायने
भाजपा ने सबको चौंकाया, यादवों पर नजर
नतीजे घोषित होने के बाद भाजपा मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री घोषित करने में समय ले रही थी, इसी कारण पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि शिवराज को फिर से इस पद की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।
हालांकि, यादव का नाम कहीं भी रेस में नहीं था और उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने सबको चौंका दिया है।
माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के यादवों को साधने के लिए भाजपा ने ऐसा किया है।
रेस
यादव ने कई दिग्गजों को रेस में छोड़ा पीछे
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की रेस में कई दिग्गजों का नाम चल रहा था। इनमें निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय का नाम शामिल था।
बता दें, मध्य प्रदेश चुनाव में इस बार भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत से प्रचंड जीत हासिल की है। उसने राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीती हैं, वहीं कांग्रेस महज 66 सीटों पर सिमट कर रह गई है।
रिपोर्ट
शिवराज ने दिया था यादव के नाम का प्रस्ताव
यादव को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का बेहद करीबी माना जाता है। बताया जा रहा है कि शिवराज ने ही यादव के नाम का प्रस्ताव विधायक दल की बैठक में दिया था।
खबर है कि यादव का साथ देने के लिए सूबे में 2 उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, जबकि नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व सौंपा जा सकता है।
कौन हैं ?
कौन हैं मोहन यादव?
25 मार्च, 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। उनकी गिनती उज्जैन के बड़े नेताओं में होती है।
यादव ने काफी संघर्षों के बाद राजनीति में मुकाम हासिल किया है। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से अपने करियर की शुरुआत की थी। वह शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
उन्हें 2 जुलाई, 2020 को मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
सफर
यादव का अब तक का राजनीतिक सफर कैसा रहा?
शुरुआती दौर में यादव ABVP के उज्जैन के नगर मंत्री रहे। 1982 में वह छात्रसंघ के सह-सचिव चुने गए थे।
उन्होंने 2013 में उज्जैन दक्षिण सीट से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था और वह इस सीट पर लगातार 3 चुनाव जीते हैं।
वह भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य रहे हैं। वह मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण के प्रमुख और पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं।