उज्जैन रेप पीड़िता को मदद के नाम पर मिले 1,500 रुपये, खोखला रहा शिवराज का आश्वासन
मध्य प्रदेश के जिस उज्जैन रेप कांड ने पूरे देश को विचलित कर दिया था, उस घटना की पीड़िता की कोई सुध लेने वाला नहीं है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता का घर सतना मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है। घर के नाम पर घास-फूंस की झोपड़ी है और मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनता है। पीड़िता के यहां अभी तक शासन-प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है और घर से नल 300 मीटर दूर है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कही थी ख्याल रखने की बात
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि पीड़िता प्रदेश की बेटी है, वह उसका ख्याल रखेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता अनुसूचित जाति से आती है और गांव में छुआछूत चरम पर है। आरोप है कि सरपंच और प्रशासन ने उनको नहीं देखा। पीड़िता के परिजन और पड़ोसियों ने बताया कि पीड़िता के घर लौटने पर भाजपा के नेता सुरेंद्र सिंह गरेवार आए थे और उन्होंने राशन के लिए 1,500 रुपये दिए थे।
क्या है मामला?
उज्जैन के महाकाल थाने के दांडी आश्रम के पास 25 सितंबर को 15 वर्षीय किशोरी बदहवास हालत में भटकती मिली थी। वह करीब 8 किलोमीटर तक अर्धनग्न हालत में चली थी। घटना का CCTV फुटेज सामने आने के बाद लोगों में काफी गुस्सा दिखा। जांच में पता चला कि किशोरी का रेप हुआ है। पुलिस ने 700 CCTV फुटेज की मदद से रेप करने वाले आरोपी ऑटो चालक भरत सोनी को गिरफ्तार किया। वह अभी न्यायिक हिरासत में है।