
बिहार: LJP के चाचा-भतीजे फिर आमने-सामने, भाजपा को हो रही दोनों को साथ लाने में मुश्किल
क्या है खबर?
भाजपा पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के दोनों धड़ों को दोबारा आपस में साथ लाने की कोशिश कर रही है।
इसी क्रम में भाजपा ने पासवान के बेटे और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक में आमंत्रित किया है।
LJP के दूसरे धड़े राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस पहले से ही NDA का हिस्सा हैं।
मुलाकात
नित्यानंद राय ने पशुपति पारस के साथ की मुलाकात
NDTV के मुताबिक, केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा के नेता नित्यानंद राय ने 2 दिन पहले पशुपति पारस के साथ मुलाकात में विलय का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, पारस ने इसे ठुकरा दिया।
पारस ने कहा था, "मेरी उनके (राय) साथ अच्छी बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि चाचा और भतीजे एक साथ आ जाओ, लेकन मैंने कहा कि यह संभव नहीं है। जब दूध फट जाता है तो आप कितनी भी कोशिश कर लें, आपको मक्खन नहीं मिलता है।"
बयान
NDA में चिराग के आने का नहीं करेंगे स्वागत- पारस
पशुपति पारस ने कहा कि वह NDA में चिराग पासवान के प्रवेश का विरोध नहीं करेंगे, लेकिन वह उनका स्वागत भी नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, "चिराग 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद से अलग-थलग पड़ गए हैं। यह चुनावी वर्ष है और हर पार्टी अधिक लोगों को जोड़ना चाहती है, इसलिए चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को आमंत्रित किया गया है। सभी लोग बैठक में आएंगे। आगे क्या होगा, यह बैठक के नतीजे पर निर्भर करेगा।"
विवाद
हाजीपुर सीट को लेकर छिड़ा है ताजा विवाद
LJP के दोनों गुटों के बीच ताजा विवाद हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर सामने आया है। दोनों गुट इस सीट को रामविलास पासवान की विरासत के रूप में देखते हैं और आगामी लोकसभा चुनाव में यहां से लड़ना चाहते हैं।
बता दें कि हाजीपुर सीट से 8 बार चुनाव जीतने वाले रामविलास पासवान ने 2019 के लोकसभा चुनाव में यह सीट अपने छोटे भाई पशुपति पारस के लिए खाली कर दी थी।
कारण
भाजपा क्यों लाना चाहती है दोनों गुटों को साथ?
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, भाजपा LJP के दोनों गुटों को बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (JDU) के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा हथियार मानती है।
हालांकि, दोनों गुटों के अलग-अलग लड़ने पर पासवान समुदाय के वोट बंटने का खतरा है, जिसका सीधा प्रभाव NDA पर पड़ेगा।
2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ने वाली LJP जून, 2021 में दो धड़ों में बंट गई थी और पारस ने चिराग को बाहर कर पार्टी पर कब्जा कर लिया था।