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बिहार: भाजपा के सहयोगी ने कहा- हम राम को नहीं मानते, भगवान नहीं थे
जीतनराम मांझी ने कहा- हम राम को नहीं मानते, भगवान नहीं थे

बिहार: भाजपा के सहयोगी ने कहा- हम राम को नहीं मानते, भगवान नहीं थे

Apr 15, 2022
06:12 pm

क्या है खबर?

बिहार में भाजपा के सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भगवान राम पर ऐसा बयान दिया है जो राज्य की राजनीति में बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है। उन्होंने कहा कि वो राम को नहीं मानते और राम कोई भगवान नहीं थे, बल्कि रामायण के पात्र थे। मांझी ने कहा कि रामायण में कई अच्छे संदेश हैं, वे उन्हें मानते हैं, तुलसीदास और वाल्मीकि को मानते हैं, लेकिन राम को नहीं मानते।

बयान

मांझी ने क्या कहा?

गुरूवार को डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर जमुई जिले के सिकंदरा में एक सभा को संबोधित करते हुए हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख मांझी ने कहा, "हम राम को नहीं मानते। राम भगवान नहीं थे। राम को तुलसीदास जी और वाल्मीकि जी ने अपनी बातों को समझाने के लिए एक पात्र बनाया है। पात्र के माध्यम से उन्होंने यथार्थ को प्रदर्शित किया है। जो ये महाकाव्य है, उसमें बहुत सी अच्छी बातें हैं। उनको हम मानते हैं।"

जाति व्यवस्था पर चोट

राम ने शबरी का झूठा खाया था, आप हमारा छुआ हुआ ही खा लीजिए- मांझी

मांझी ने आगे कहा, "हम तुलसीदास जी को मानते हैं, वाल्मीकि जी को मानते हैं, लेकिन राम को नहीं मानते। अगर आप कहते हैं कि आप राम को मानते हैं तो राम ने मां शबरी के झूठे बेर खाए थे। आप हमारा छुआ हुआ तो खाइए, आप हमारा छुआ हुआ भी नहीं खाते हैं।" अपने इस बयान में मांझी का इशारा देश की जाति व्यवस्था पर था जो भगवान राम के दौर से ही चली आ रही है।

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अपील

मांझी की दलितों से पूजा-पाठ बंद करने की अपील

अपने संबोधन में मांझी ने दलित समुदाय के लोगों से पूजा-पाठ बंद करने की अपील भी की। उन्होंने कहा, " जो ब्राह्मण मांस और शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं, ऐसे ब्राह्मणों से दूर रहना चाहिए। उनसे पूजा पाठ नहीं कराना चाहिए। आप लोग पूजा-पाठ करना बंद कर दीजिए।" बता दें कि सिकंदरा से HAM के विधायक प्रफुल्ल मांझी ने अंबेडरकर जयंती के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।

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परिचय

कौन हैं जीतनराम मांझी?

जीतनराम मांझी HAM पार्टी के प्रमुख हैं और फरवरी, 2014 से फरवरी, 2015 तक बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। तब वे नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) में हुआ करते थे, लेकिन जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद उन्होंने HAM बना ली और इस बार भाजपा और JDU के साथ गठबंधन में चुनाव लड़े। उनका बेटा संतोष मांझी बिहार मंत्रिमंडल में शामिल है।

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