शिवसेना ने जारी किया नया विज्ञापन, इस बार बालासाहेब ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस को दी जगह
महाराष्ट्र में विज्ञापन को लेकर जारी विवाद के बीच अब एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने नया विज्ञापन जारी किया है। इसमें भाजपा और शिवसेना के गठबंधन की सरकार को जनता की पहली पसंद बताया गया है। शिंदे गुट की शिवसेना ने मंगलवार को अखबारों में एक विज्ञापन छपवाया था, जिसमें मुख्यमंत्री शिंदे को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से ज्यादा लोकप्रिय बताया गया था। इसे लेकर विवाद बढ़ने के बाद अब नया विज्ञापन जारी किया गया है।
नए विज्ञापन में क्या है?
आज महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए विज्ञापन में शिंदे-फडणवीस के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर लगाई गई है। दाईं ओर बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की तस्वीर भी है। विज्ञापन में लिखा है कि महाराष्ट्र की 84 प्रतिशत जनता प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को पसंद करती है। महाराष्ट्र के 49 प्रतिशत लोग शिवसेना-भाजपा गठबंधन, 26.8 प्रतिशत लोग प्रमुख विपक्षी पार्टी और अन्य को 23.9 प्रतिशत लोग पसंद करते हैं।
नए विज्ञापन में ये हुए बदलाव
नए विज्ञापन में लिखा है कि राज्य की 62 प्रतिशत जनता मानती है कि डबल इंजन सरकार की वजह से राज्य का विकास तेजी से हो रहा है। इसमें फडणवीस और शिंदे की लगभग बराबर साइज की तस्वीर है। शिंदे खेमे के सभी मंत्रियों को भी विज्ञापन में जगह मिली है। विज्ञापन में शिवसेना के चुनाव चिन्ह तीर कमान का इस्तेमाल किया गया है। 'देश में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे' लाइन को भी हटाया गया है।
कैसा था पुराना विज्ञापन?
पुराने विज्ञापन में 'भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के लिए एकनाथ शिंदे' लिखा था। इसमें दावा किया गया था कि शिंदे फडणवीस से ज्यादा लोकप्रिय हैं। एक सर्वे का हवाला देते हुए लिखा था कि महाराष्ट्र के 26.1 प्रतिशत लोग शिंदे को और 23.2 प्रतिशत लोग फडणवीस को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं। इसमें शिवसेना का चुनाव चिन्ह तो था, लेकिन संस्थापक बालासाहेब की कोई तस्वीर नहीं थी।
विज्ञापन से बढ़ी थी सियासी हलचल
विज्ञापन जारी होते ही खबरें आने लगी थीं कि भाजपा और शिवसेना में सबकुछ ठीक नहीं है। विवाद बढ़ता देख शिवसेना ने दावा किया था कि विज्ञापन उनके एक शुभचिंतक ने प्रकाशित करवाया है। इस विज्ञापन पर विपक्षी पार्टियों ने भी हमला बोला था। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि वे खुद को बालासाहेब का सैनिक कहते हैं, लेकिन विज्ञापन से बालासाहेब की तस्वीर गायब थी।
विज्ञापन के सियासी मायने
कल जारी हुए विज्ञापन के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना खुद को महाराष्ट्र में वापस ड्राइविंग सीट पर लाने की कोशिश कर रही है। कर्नाटक चुनावों में हार के बाद भाजपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को मजबूत करने में जुटी है। विश्लेषकों का मानना है कि शिंदे ने इसका लाभ लेने के लिए ऐसा किया। कयास ये भी है कि फडणवीस को साइडलाइन करने के लिए शिवसेना ने भाजपा नेतृत्व को विश्वास में रखकर ऐसा किया था।