तमिलनाडु में भाजपा और AIADMK का गठबंधन टूटने की कगार पर क्यों पहुंचा?
क्या है खबर?
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता पर तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई के विवादित बयान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया है।
AIADMK महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने अन्नामलाई के बयान को गैर-जिम्मेदराना करार देते हुए कहा कि उनके बयान से पार्टी कार्यकर्ताओं को ठेस पहुंची है।
AIADMK ने भाजपा को चेतावनी दी है कि गठबंधन जारी रखने के लिए अन्नामलाई पर लगा कसी जाए।
बयान
अन्नामलाई ने क्या कहा था?
अन्नामलाई ने हाल ही में एक साक्षात्कार में जयललिता पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था, "तमिलनाडु के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को भ्रष्टाचार के लिए कोर्ट में दोषी ठहराया जा चुका है और इस कारण यह सबसे भ्रष्ट राज्यों में से एक बन गया है। 1991 से 1996 के बीच जयललिता की सत्ता के दौरान राज्य में सबसे खराब स्थिति थी।"
उन्होंने कहा था कि वह सरकारी खजाने को ठगने वाली किसी भी सरकार से सवाल करते रहेंगे।
बयान
AIADMK ने क्या कहा?
AIADMK के वरिष्ठ नेता डी जयकुमार ने सोमवार को कहा कि अन्नामलाई के कारण भाजपा और AIADMK के गठबंधन को खतरा पैदा हो गया है।
उन्होंने कहा, "अन्नामलाई किसी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के योग्य नहीं हैं। उन्हें कुछ बोलने से पहले ख्याल रखना चाहिए। हमें संदेह है कि वह नहीं चाहते हैं कि तमिलनाडु में भाजपा और AIADMK का गठबंधन जारी रहे। वह गठबंधन को तोड़ने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।"
कारण
दोनों पार्टियों की पिछले कई चुनाव में हुई है हार
2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव के बाद AIADMK और भाजपा गठबंधन ने लगातार 3 चुनाव हारे हैं।
मार्च में इरोड विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी गठबंधन की हार हुई थी। दोनों पार्टियों ने अपने बीच मतभेद के चलते उपचुनाव में साथ मिलकर प्रचार तक नहीं किया था।
उपचुनाव के बाद तमिलनाडु भाजपा के IT प्रमुख निर्मल कुमार समेत 5 नेता AIADMK में शामिल हो गए थे।
समीकरण
आगे क्या?
भाजपा ई पलानीस्वामी और ओ पन्नीरसेल्वम के मतभेदों के बाद AIADMK में पैदा हुई फूट की स्थिति को भुनाने के लिए खुद को प्रमुख विपक्ष के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है।
बतौर रिपोर्ट्स, भाजपा तमिलनाडु की कुल 39 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर लड़ना चाहती है, जिसके लिए AIADMK नेतृत्व के तैयार होने की बिलकुल उम्मीद नहीं है। इन्हीं संकेतों के चलते दोनों पार्टियों के रिश्तों में दरार आना लगभग तय है।